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This Article is From May 06, 2014

चुनाव डायरी: नरेंद्र मोदी ने 'बहन' की खातिर साधा 'बेटी' पर निशाना...!

चुनाव डायरी: नरेंद्र मोदी ने 'बहन' की खातिर साधा 'बेटी' पर निशाना...!
अमेठी से उमाशंकर सिंह:

"मां के लिए बेटी कुछ भी करेगी, भाई के लिए बहन कुछ भी करेगी, उसे इसका अवसर मिलना भी चाहिए... मां और भाई के लिए नहीं करेगी तो किसके लिए करेगी...? बेटी के नाते प्रियंका जो भी बोलेंगी, मैं कभी बुरा नहीं मानूंगा... बेटी तो बेटी होती है..."

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने शब्दों की जो माला गूंथने की कोशिश की थी, उसकी लड़ियां अब बिखर चुकीं हैं... राजनीति के स्क्रैच कार्ड पर सजाई गई भावनात्मक मर्यादा की पतली परत खुरच चुकी है... सत्ता का बारकोड सबके सामने आ चुका है... अमेठी के मैदान में छिड़ी जुबानी जंग की अनुगूंज पूरा देश देख और सुन रहा है... उच्च नैतिकता का आडंबर 'नीच राजनीति' के रसातल में जा घंसा है, और मोदी व प्रियंका आमने-सामने हैं...

अमेठी की सभा में नरेंद्र मोदी ने बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी को अपनी छोटी बहन बताया... इसकी ज़रूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि एक दिन पहले ही प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी की दावेदारी से जुड़े पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में प्रतिप्रश्न किया था "...कौन...?" यानि प्रियंका ने स्मृति ईरानी को राहुल गांधी के मुकाबले रेस में मानने से ही इंकार कर दिया था, और उनकी पहचान पर ही सवाल उठा दिया था... नरेंद्र मोदी को यह नागवार गुज़रा, इसलिए उन्होने स्मृति ईरानी का परिचय देते हुए उसे अपनी छोटी बहन बताया और जनता से छोटी बहन के लिए वोट मांगा, उसे जिताने की अपील की... करीब घंटे-भर का भाषण दिया, छोटी बहन की शान में कसीदे पढ़े... तो क्या छोटी बहन के लिए उमड़ा प्यार 'बेटी' की हैसियत पर भारी पड़ा...?

हालांकि नरेंद्र मोदी ने प्रियंका गांधी का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन जब उन्होंने राहुल गांधी के राजीव गांधी के नक्शेकदम पर चलने की बात को लेकर कटाक्ष किया तो ज़ाहिर है, निशाने पर प्रियंका ही थीं... प्रियंका गांधी वाड्रा ने ही अमेठी में प्रचार के दौरान राहुल के लिए कहा था कि वह राजीव गांधी की तरह आगे की सोच रखते हैं...

राहुल 'भैया' पर किए गए कटाक्ष से बहन प्रियंका का आहत होना लाज़िमी था, क्योंकि 'मां के लिए बेटी कुछ भी करेगी, भाई के लिए बहन कुछ भी करेगी', तो ऐसे में मोदी यह भी जानते होंगे कि भाई पर उनके निशाने से बहन को भाई के लिए कुछ करने का 'अवसर' मिलेगा... चुनावी वक्त में यह अवसर बयानों के पलटवार का ही होता है, तो क्या मोदी बहुत चतुराई से वह 'अवसर' प्रियंका को दे रहे हैं कि वह लगातार बोलती रहें और वार-पलटवार का सिलसिला चलता रहे, ताकि कांग्रेस के इस 'ट्रम्प कार्ड' को राजनीति की सीधी लड़ाई में लाकर अभी से धराशायी करने की कोशिश की जाए...?

पति रॉबर्ट वाड्रा पर मोदी के हमले से प्रियंका पहले से ही आहत थीं... इस बाबत बयान भी दिया और घोटाले के आरोप से घिरे अपने पति का बचाव भी किया... बेटी के संबोधन वाले विवाद पर जब प्रियंका से सवाल पूछा गया तो उन्होंने टका-सा जवाब दिया था, 'मैं राजीव गांधी की बेटी हूं'... अब जो 'बेटी मां के लिए कुछ भी करेगी', वह पिता के लिए भी तो 'कुछ भी करेगी'... नरेंद्र मोदी को इसका भी भान रहा होगा... ऐसे में दिवंगत पिता को निशाने पर लेकर मोदी ने प्रियंका को उकसाने की कोशिश की...

बात राहुल के उस बयान की थी, जिसमें उन्होंने मोदी को गुस्से की राजनीति करने वाला करार दिया था... पलटवार के दौरान गांधी परिवार को गुस्सैल साबित करने के लिए नरेंद्र मोदी बात को गांधी परिवार की पिछली तीन पीढ़ियों तक ले गए... उदाहरण के तौर पर उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पर राजीव गांधी का गुस्सा, सीताराम केसरी और पीवी नरसिम्हाराव पर सोनिया का गुस्सा और दागी नेताओं से संबंधित आर्डिनेंस पर राहुल का गुस्सा गिनाया...

ज़ाहिर है, इससे प्रियंका को भी गुस्सा आया... फिर तुरंत जवाब भी आया... "इन्होंने अमेठी की धरती पर मेरे शहीद पिता का अपमान किया है... अमेठी की जनता कभी इस हरकत को माफ नहीं करेगी... इनकी 'नीच राजनीति' का जवाब देंगे... अमेठी के एक-एक बूथ से जवाब आएगा..."

अब इस बयान में 'हरकत' और 'नीच राजनीति', ये दो शब्द चुभने वाले हैं... 'नीच राजनीति' की बात मोदी को चुभ गई, लेकिन उन्होंने 'नीच राजनीति' की तोहमत को 'नीची जाति' की हैसियत से जोड़कर अपना कद बड़ा करने की कोशिश की...

अमेठी में 7 मई को वोट पड़ जाएंगे... सो, अमेठी की जनता ने 'बदला नहीं, बदलाव के लिए' वोट दिया या गांधी परिवार के प्रति अपनी भावनात्मक यथास्थितिवाद के लिए, इसका पिटारा 16 मई को खुलेगा... कई लोग यह कयास भी लगा रहे थे कि अमेठी में मोदी की धमक का बदला कांग्रेस बनारस में लेगी... ख़बर यह भी चल पड़ी कि प्रियंका गांधी प्रचार के लिए बनारस जाएंगी, जबकि अनौपचारिक बातचीत में प्रियंका पहले ही बता चुकी हैं कि बनारस के कांग्रेसी उम्मीदवार अजय राय की तरफ से बुलावा था, लेकिन उनका वहां जाने का कोई इरादा नहीं... लेकिन जब चेहरे पर मीडिया की नज़र हो, जुबानी जंग तो कहीं से भी बैठकर लड़ी जा सकती है... वैसे, फेसबुक पर एक दिलचस्प कमेंट पढ़ने को मिला - "अमेठी एक ही भाई-बहन से परेशान है... अब दूसरे भाई-बहन भी आ गए हैं..."

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