दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को रिकॉर्ड 67.14 फीसदी मतदान हुआ। राष्ट्रीय राजधानी में सीधी लड़ाई बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मानी जा रही है, जिसके परिणाम की छाप राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकती है।
2013 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत में 1.28 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 65.07 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्र भूषण कुमार ने कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मतदाताओं के मताधिकार का इस्तेमाल करने के मामले में यह चुनाव अभूतपूर्व रहा है, क्योंकि मतदान प्रतिशत 67.14 प्रतिशत रहा है और यह दिल्ली विधानसभा के चुनाव के इतिहास में रिकॉर्ड है।
मतदान के बाद आए सभी एग्जिट पोल के परिणामों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। एक सर्वेक्षण में तो 'आप' को 70 में से 53 सीटें मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया है। ये चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि बीजेपी के जीतने पर इस साल के आखिर में बिहार में और 2016 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा, वहीं पार्टी की हार विपक्ष को ताकत प्रदान कर सकती है।
दिल्ली में पिछले 16 साल से सत्ता से बाहर चल रही बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। इस चुनाव के परिणाम को कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर जनमत संग्रह के तौर पर देख रहे हैं, तो बीजेपी इस बात को खारिज कर चुकी है।
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