जगह-जगह कूड़े के ढेर और हर दस कदम पर ट्रैफिक जाम लिए यह यमुनापार दिल्ली का कृष्णा नगर इलाका है, जहां से बीजेपी की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी मैदान में हैं।
वह अभी यहां आने वाली हैं लिहाजा सड़कों की सफाई हुई है। जीप पहले से तैयार खड़ी है, आते ही किरण लोगों का अभिवादन करती हैं और रोड शो शुरू हो जाता है।
भले ही यह सीट बीते दो दशक से बीजेपी के पास है, लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं कि लोगों को शिकायतें नहीं हैं। बीजेपी के परंपरागत वोटरों तक का कहना है कि यहां सीवर की समस्या सालों से हैं और अब तक किसी ने कुछ नहीं किया।
कृष्णा नगर की एक गृहिणी मिकी अरोड़ा ने कहा, "मोदी जी बस बाहर यात्राएं कर रहे हैं, मेरे किचन में आने वाला सामान तो सस्ता नहीं हुआ।" वहीं के रहने वाले किशनलाल ने कहा कि 'आप' पार्टी का यहां कोई आधार नहीं है।
थोड़ा आगे बढ़ने पर नजारा कुछ बदला हुआ था। ढोल-नगाड़े और एक छोटे से काफिले के साथ कांग्रेस के उम्मीदवार बंसीलाल घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे। उनकी पत्नी निजी तौर पर लोगों से जाकर कह रही थीं, "आपने अब तक हर्षवर्धन जी को मौका दिया है, एक मौका इन्हें भी दीजिए..."
किरण बेदी से टक्कर ले रहे बंसीलाल का दावा है कि वह न सिर्फ स्थानीय समस्याओं को समझते हैं, बल्कि बेदी से बेहतर भी हैं। उन्होंने कहा कि बेदी स्थानीय समस्याओं को नहीं समझती हैं, लेकिन मैं यहीं का रहने वाला हूं, मुझे सब पता है क्या करना है और कैसे करना है। इलाके में आम आदमी पार्टी भी अपना जोर लगा रही है। फिलहाल उनके उम्मीदवार एसके बग्गा शहर से बाहर हैं, तो कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल रखा है।
किरण बेदी को अपना सीएम उम्मीदवार बनाने के बाद पार्टी और कार्यकर्ता खुश हों कि अरविंद केजरीवाल का करारा जवाब ढूंढ लिया है, लेकिन आलाकमान को यह भली-भांति पता है कि दिल्ली की राह आसान नहीं है। भले ही कृष्णा नगर बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट समझी जाती हो, लेकिन यहां भी किरण बेदी को चुनौतियों का सामना तो करना पड़ ही रहा है और लोगों के दिलों में जगह बनाने में वक्त तो लगता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं