राहुल गांधी को 'जोकर' कहने के लिए केरल के पूर्व मंत्री टीएच मुस्तफा को कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के परिप्रेक्ष्य में मुस्तफा ने कहा था कि राहुल अगर पद नहीं छोड़ते तो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
मुस्तफा की टिप्पणी से विवाद बढ़ गया और पार्टी के कुछ नेताओं ने इसकी निंदा की। चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर केपीसीसी की आज समीक्षा बैठक हुई जिसमें पाया गया कि कांग्रेस नेता ने राहुल के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी कर 'गंभीर गलती' की है।
कोच्चि में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राज्य के पूर्व मंत्री मुस्तफा की टिप्पणी पर तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भी चर्चा हुई। राज्य में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी।
मुस्तफा ने कहा था, 'उन्हें (राहुल) पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें पद पर नहीं बने रहना चाहिए। अगर वह स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने जोकर (चुनाव प्रचार के दौरान) की तरह काम किया।'
गौरतलब है कि कांग्रेस और इसके यूडीएफ के सहयोगियों ने केरल में अपेक्षाकृत अच्छा काम किया और राज्य की 20 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी।
बहरहाल पार्टी को इडुक्की और चलाक्कुडी जैसे परंपरागत गढ़ पर एलडीएफ के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने मुस्तफा के बयान से असहमति जताई। नागपुर में उन्होंने कहा, 'राहुल के बारे में केरल के वरिष्ठ नेता ने जो कहा उससे मैं सहमत नहीं हूं।'
पार्टी नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर अय्यर ने कहा, 'कांग्रेस ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव के प्रधानमंत्री रहते भी चुनावों में खराब प्रदर्शन किया था। लेकिन कभी भी नेतृत्व परिवर्तन का सवाल नहीं उठा।'
सोनिया और राहुल का समर्थन करते हुए अय्यर ने सवाल किया कि क्या चुनावों में हार का सामना करने वाले सपा, बसपा जैसे दलों ने अपने नेतृत्व में परिवर्तन किया? अय्यर ने कहा, 'कांग्रेस में सोनिया गांधी या राहुल गांधी के नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह, बसपा सुप्रीमो मायावती और अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल की पार्टी का भी खराब प्रदर्शन रहा।'
वहीं, पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री के. रहमान खान ने कहा कि इन मुद्दों को पार्टी फोरम के अंदर उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'कौन जिम्मेदार है और क्या हुआ, यह जांच का मामला है। कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने जिम्मेदारी ली है। इसका यह मतलब नहीं कि आप उनकी आलोचना शुरू कर दें। अपने विचार सार्वजनिक करना पार्टी अनुशासन के खिलाफ है।'
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