यूपीए सरकार के पुराने सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी और प्रधानमंत्री पद के लिए उसके उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से नजदीकी की अटकलों के लिए दरवाजे अभी भी खोल रखे हैं।
शरद पवार ने मुंबई स्थित अपने आवास पर एनडीटीवी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि वह चुनाव से पहले और बाद में भी कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के साथ ही रहेंगे। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अन्य सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की तरह नरेंद्र मोदी के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि वह शत्रुता की राजनीति में यकीन नहीं रखते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के मामले में अदालत ने जब नरेंद्र मोदी को दोषमुक्त कर दिया है, तो फिर उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए। 73 साल के इस वरिष्ठ नेता ने कहा, 'जब अदालत ने कुछ कहा है, तो हमें इसे स्वीकार करना चाहिए, तो इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है।'
पवार से जब पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी के रुख के इत्तेफाक नहीं रखते हैं, जिन्होंने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में मोदी को गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंग के लिए जिम्मेदार ठहराया था, तो इस पर उन्होंने कहा, 'अगर उनके (कांग्रेस) पास कुछ अलग जानकारी है, तो मैं इस बारे में नहीं जानता। अदालत ने जो कुछ कहा, यहां मैं सिर्फ उसके साथ जा रहा हूं।' (राहुल का साक्षात्कार पढ़ें)
हालांकि इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख कहा कि अगर कोई दंगा उनके समय में होता है तो मुख्यमंत्री को उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पवार ने कहा, 'मैं एक मुख्यमंत्री हूं और मेरे राज्य में कुछ घटता है, तो मुझे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मैं ‘ना’ नहीं कह सकता।' उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर शामिल नहीं होने के बाद भी मुख्यमंत्री के तौर पर, गृहमंत्री के रूप में, एक प्रशासक के तौर पर, उनकी जिम्मेदारी नागरिकों के हितों की सुरक्षा करना है।
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