भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को जारी अपने घोषणा पत्र में उदारवाद का मुखौटा उतारते हुए कठोर हिंदूवादी छवि की झलक दिखा दी है।
पार्टी ने अपने पुराने सदाबहार मुद्दे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और जम्मू-कश्मीर की विशेष हैसियत से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित उन सभी मुद्दों को छुआ है, जिसे पूर्व में सरकार बनाने के लिए ताक पर रखा गया था। बड़ी चालाकी से पार्टी ने इन मुद्दों पर अपने घोषणा पत्र के आखिरी पन्ने पर दो लाइनों में चर्चा की है। पार्टी ने हालांकि अपने घोषणा पत्र में विकास और अर्थव्यवस्था को ही शीर्ष पर रखा है।
घोषणा पत्र में कहा गया है, 'भाजपा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संविधान के भीतर सभी संभावनाएं तलाशने के अपने रुख को दोहराती है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी अपने घोषणा पत्र को धार्मिक सुर देना चाहती है, घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा, 'पार्टी ने हिंदुत्व के बारे में कुछ नहीं कहा है। हिंदुत्व हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं है।' जोशी ने कहा, 'यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका हमारे लिए सांस्कृतिक महत्व है।'
घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि अनुच्छेद 370 को भी विमर्श के बाद निरस्त किया जाएगा। घोषणा पत्र में कहा गया है, 'भाजपा अपने इस रुख को भी दोहराती है कि सभी पक्षों से राय-मशविरे के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाएगा और इस अनुच्छेद को खत्म करने के प्रति प्रतिबद्ध है।'
पार्टी ने इसके साथ ही कहा है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में लौटाना उसका एजेंडा है। सांस्कृतिक विरासत खंड में भाजपा ने राम सेतु, गंगा नदी और गाय एवं गौवंश के संरक्षण का भी उल्लेख किया है। पार्टी ने समान नागरिक संहिता का वादा किया है और कहा है इसके बगैर लैंगिक समानता नहीं लाई जा सकती।
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