
विभिन्न मुद्दों को लेकर उन्होंने भले ही एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खींची हों, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने मंगलवार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की और कहा कि प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत निष्ठा हमेशा संदेह से परे रही है।
जेटली ने मनमोहन सिंह को 'सयाना आदमी' बताते हुए कहा कि विद्वता के साथ वह हमेशा अपने समक्ष आने वाले विषयों पर पूरी जानकारी रखते थे और पूरी तैयारी के साथ बात करते थे।
मनमोहन सिंह राज्यसभा में सदन के नेता हैं और जेटली उच्च सदन में विपक्ष के नेता हैं।
जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार को दस साल तक नेतृत्व मुहैया कराने के बाद जब कि परदा गिरने जा रहा है, प्रधानमंत्री 'गरिमा और शिष्टता के साथ विदा हो रहे हैं।' उन्होंने अपने ब्लाग पर लिखा, वह एक वरिष्ठ राजनेता बने रहेंगे और एक विश्वस्नीय व्यक्ति के रूप में राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहेंगे। यदि वह सही समय पर खड़े हुए होते और असहमतियां जतायी होती तो और भी सम्मान पाते।
उन्होंने कहा कि सिंह कुछ ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण प्रधानमंत्री बने थे जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया को इस पद के लिए अपना नाम वापस लेने लिए मजबूर कर दिया था।
उन्होंने कहा, 'वह अक्षरश: सोनिया जी द्वारा घोषित प्रधानमंत्री थे। उन्हें कुछ सीमाओं के भीतर ही काम करना पड़ा।' जेटली ने लिखा, '... जब भी उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया, वह कभी भी एक नेता के रूप में सामने नहीं आए। एक नेता के रूप में सामने नहीं आने का कारण साफ था। वह कभी भी टकराव नहीं चाहते थे। उन्हें पता था कि उन्हें सीमित शक्तियां दी गई हैं और सभी महत्वपूर्ण फैसलों पर उन्हें पार्टी तथा उसके प्रथम परिवार को खुश रखना है।'
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