आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी रहे रामकृपाल ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के संकेत के बीच मंगलवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की, जिससे उनके जल्द भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस बारे में एक-दो दिन में घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
यह बात महत्वपूर्ण है कि क्या भाजपा रामकृपाल को बिहार की पाटलीपुत्र सीट पर उतारने को सहमत होती है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह सीट योगगुरू रामदेव ने अपने एक सहयोगी के लिए मांगी है। बहरहाल, रामकृपाल ने कहा कि वह बुधवार को ही इस बारे में कुछ कह पाएंगे।
यह पूछे जाने पर कि उनकी रणनीति क्या होगी और क्या भाजपा उन्हें बिहार से पाटलीपुत्र सीट दे रही है, रामकृपाल ने कहा, 'मैंने आज राजनाथजी से मुलाकात की। हमारी मुलाकात अच्छी रही। मैं बाकी बचे विषयों के बारे में कल टिप्पणी करूंगा।'
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की वरिष्ठ नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि रामकृपाल यादव के पार्टी छोड़ देने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पढ़ें)
गौरतलब है कि रामकृपाल यादव ने उस समय राजद के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, जब पाटलीपुत्र सीट पर उनके दावे को दरकिनार करते हुए लालू प्रसाद ने अपनी बेटी मीसा भारती को टिकट दे दिया था। रामकृपाल यह कहते रहे हैं कि उन्होंने राजद से इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है।
मीसा भारती की ओर से संपर्क किये जाने की कोशिशों के बावजूद भी उन्होंने पाटलीपुत्र सीट पर अपना दावा छोड़ने से इनकार कर दिया था। समझा जाता है कि भाजपा के प्रति रामकृपाल का झुकाव लोजपा नेता रामविलास पासवान के प्रयासों का नतीजा है, जिन्होंने उनके और भाजपा के बीच दूरी को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लोजपा ने बिहार में भाजपा के साथ गठजोड़ किया है।
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