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OpenAI आईआईटी मद्रास के साथ मिलाया हाथ, टीचरों को देगी एआई की ट्रेनिंग

ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने भारत में 'भारत-प्रथम' शिक्षा पहल शुरू की है. IIT मद्रास के साथ मिलकर टीचर्स को AI सिखाएगी और 5 लाख डॉलर की फंडिंग भी देगी.

OpenAI आईआईटी मद्रास के साथ मिलाया हाथ, टीचरों को देगी एआई की ट्रेनिंग
ओपनएआई इस काम के लिए आईआईटी मद्रास को 5 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 करोड़ रुपये से ज्यादा) की फंडिंग भी देगी.

AI in education : ChatGPT को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने अब भारत के लिए एक बहुत बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने भारत में अपनी 'भारत-प्रथम' (Bharat-First) पहल की शुरुआत की है, जिसका मकसद भारत के शिक्षकों (Teachers) और छात्रों (Students) को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत से रुबरू कराना है.

इस बड़ी शुरुआत के लिए ओपनएआई ने देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के साथ हाथ मिलाया है. यह सिर्फ एक मामूली साझेदारी नहीं है, बल्कि ओपनएआई इस काम के लिए आईआईटी मद्रास को 5 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 करोड़ रुपये से ज्यादा) की फंडिंग भी देगी.

क्या है 'भारत-प्रथम' प्रोग्राम का लक्ष्य?

इस प्रोग्राम का उद्देश्य पढ़ाई-लिखाई पहले से ज्यादा आसान, मजेदार और असरदार करना. कंपनी शिक्षकों को खास AI टूल्स और ट्रेनिंग देगी, जिससे वे अपने पढ़ाने के तरीकों को और बेहतर बना सकें.

आईआईटी मद्रास इस फंडिंग का इस्तेमाल एक लंबी रिसर्च में करेगा. इस रिसर्च में यह पता लगाया जाएगा कि AI की मदद से बच्चों को और बेहतर तरीके से कैसे पढ़ाया जा सकता है और सीखने की प्रक्रिया में क्या नए-नए बदलाव लाए जा सकते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इस रिसर्च से जो भी नतीजे निकलेंगे, उन्हें सबके साथ शेयर किया जाएगा.

ओपनएआई का यह कदम हैरान करने वाला नहीं है, क्योंकि पूरी दुनिया में ChatGPT का इस्तेमाल करने वाले छात्रों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में ही है. इसलिए यह कंपनी भारत को एक बहुत बड़े बाजार के रूप में देख रही है.

यह घोषणा ठीक उस समय हुई है, जब कंपनी इस साल के अंत तक देश की राजधानी नई दिल्ली में अपना पहला भारतीय ऑफिस खोलने की तैयारी कर रही है. इतना ही नहीं, ओपनएआई के संस्थापक सैम ऑल्टमैन भी अगले महीने भारत के दौरे पर आने वाले हैं.

इस मिशन को सफल बनाने के लिए कंपनी ने राघव गुप्ता को भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए अपना एजुकेशन हेड भी बनाया है. आपको बता दें कि राघव गुप्ता इससे पहले फेमस ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म कोर्सेरा (Coursera) में बड़े पद पर रह चुके हैं.

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