
नई दिल्ली:
बच्चों की सेहत, विकास, सुरक्षा और अधिकारों के लिए काम कर ही संयुक्त राष्ट्र संस्था 'यूनिसेफ' ने अपनी स्थापना के 70 साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर देशभर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए और संस्था के उद्देश्यों को लेकर जनता के बीच काम कर रहे लोगों को सम्मानित किया गया.
इस मौके पर यूनिसेफ के भारत में प्रतिनिधि लुईस जॉर्ज आर्सेनाल्ट ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे भारत में निम्न तबके तक पहुंचने और उनकी समस्याओं का समझकर उन्हें काफी हद तक दूर करने में कामयाब हुए हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्नताओं से भरे भारत जैसे देश में अभी भी लाखों बच्चे ऐसे हैं जो स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे मुद्दों से दूर हैं. इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा.
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान लुईस ने बताया कि यूनिसेफ ने सन 1949 में अपनी यात्रा शुरू की थी. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि वे भारत के दूरदराज और पिछड़े इलाकों में पहुंचने में कामयाब रहे हैं.
दुनिया में बच्चों के हालात के सवाल पर उन्होंने बताया कि अपने 5वें जन्मदिन से पहले ही मर जाने वाले बच्चों की तादाद में बीते 25 सालों में 50 फीसदी से भी ज्यादा की कमी आई है. लाखों बच्चों को गरीबी के जाल से निकाला गया है और उन्हें शिक्षा मुहैया करवाने में कामयाबी मिली है.
भारत के हालात पर उन्होंने बताया कि हम तेजी से तरक्की कर रहे हैं बावजूद इसके आज भी लाखों बच्चे उपेक्षित हैं और ऐसे समुदायों में रहते हैं जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है.
दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद जैसे महानगर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के शहीद नगर में आज भी 6 ऐसे परिवार हैं, जहां बच्चों का नियमित टीकाकरण जैसी बेहद जरुरी योजना पहुंच से दूर है. यूनिसेफ, सरकार के साथ मिलकर उन्हें टीकाकरण के लिए सहमत करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 6 परिवार नहीं बल्कि भारत के लाखों परिवारों का हाल है.
आर्सेनाल्ट ने बताया कि यूनिसेफ हर बच्चे के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों में कुपोषण, शिक्षा और विकास को लेकर अभी बहुत काम करने बाकि हैं, लेकिन जल्दी ही यूनिसेफ अपने मकसद में कामयाबी हासिल कर लेगा.
इस मौके पर यूनिसेफ के भारत में प्रतिनिधि लुईस जॉर्ज आर्सेनाल्ट ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे भारत में निम्न तबके तक पहुंचने और उनकी समस्याओं का समझकर उन्हें काफी हद तक दूर करने में कामयाब हुए हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्नताओं से भरे भारत जैसे देश में अभी भी लाखों बच्चे ऐसे हैं जो स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे मुद्दों से दूर हैं. इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा.
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान लुईस ने बताया कि यूनिसेफ ने सन 1949 में अपनी यात्रा शुरू की थी. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि वे भारत के दूरदराज और पिछड़े इलाकों में पहुंचने में कामयाब रहे हैं.
दुनिया में बच्चों के हालात के सवाल पर उन्होंने बताया कि अपने 5वें जन्मदिन से पहले ही मर जाने वाले बच्चों की तादाद में बीते 25 सालों में 50 फीसदी से भी ज्यादा की कमी आई है. लाखों बच्चों को गरीबी के जाल से निकाला गया है और उन्हें शिक्षा मुहैया करवाने में कामयाबी मिली है.
भारत के हालात पर उन्होंने बताया कि हम तेजी से तरक्की कर रहे हैं बावजूद इसके आज भी लाखों बच्चे उपेक्षित हैं और ऐसे समुदायों में रहते हैं जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है.
दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद जैसे महानगर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के शहीद नगर में आज भी 6 ऐसे परिवार हैं, जहां बच्चों का नियमित टीकाकरण जैसी बेहद जरुरी योजना पहुंच से दूर है. यूनिसेफ, सरकार के साथ मिलकर उन्हें टीकाकरण के लिए सहमत करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 6 परिवार नहीं बल्कि भारत के लाखों परिवारों का हाल है.
आर्सेनाल्ट ने बताया कि यूनिसेफ हर बच्चे के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों में कुपोषण, शिक्षा और विकास को लेकर अभी बहुत काम करने बाकि हैं, लेकिन जल्दी ही यूनिसेफ अपने मकसद में कामयाबी हासिल कर लेगा.
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