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This Article is From Nov 28, 2017

इनकम टैक्स नोटिस पर भड़की AAP, मनीष सिसोदिया ने कहा, बीजेपी-कांग्रेस से सवाल क्यों नहीं?

इनकम टैक्स से मिले करीब 31 करोड़ रुपये के नोटिस के बाद आम आदमी पार्टी अब बीजेपी और कांग्रेस पर सवाल उठा रही है.

इनकम टैक्स नोटिस पर भड़की AAP, मनीष सिसोदिया ने कहा, बीजेपी-कांग्रेस से सवाल क्यों नहीं?
मीडिया से बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली: इनकम टैक्स से मिले करीब 31 करोड़ रुपये के नोटिस के बाद आम आदमी पार्टी अब बीजेपी और कांग्रेस पर सवाल उठा रही है. उसका कहना है कि इन पार्टियों के 75-80 फीसदी चंदे का स्रोत तक नहीं पता, लेकिन सवाल आम आदमी पार्टी से पूछे जा रहे हैं. पार्टी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने जबसे गुजरात में बीजेपी को हराने की अपील की, तबसे ये बदले की कार्रवाई शुरू हुई. आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया पूरे खाते लेकर पहुंचे. उन्होंने आयकर विभाग द्वारा 'आप' को 34 बार इस मामले में जवाब देने का मौका देने के दावे को गलत बताते हुए कहा, 'हकीकत यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार की आंखों में आप का पारदर्शी चंदा चुभ रहा है.' सिसोदिया ने कहा कि आज पार्टी को देश के विभिन्न भागों से कुल 46 लोगों ने ऑनलाइन चंदा दिया. इसमें आठ रुपये से लेकर 51 रुपये तक की राशि शामिल है.

यह भी पढ़ें : AAP को आयकर का नोटिस, पार्टी का जवाब- हमारा चंदा पवित्र

सिसोदिया ने इस बात की तरफ ध्यान खींचा कि इस मामले में कांग्रेस-बीजेपी का चंदा आप के मुकाबले कहीं ज्यादा संदिग्ध है. सिसोदिया ने ADR की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि साल 2015-16 में बीजेपी को 461 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोत से मिले जो उनके कुल चंदे का 81 फीसदी है, जबकि कांग्रेस को 186 करोड़ का चंदा देने वालों का पता नहीं जो कि कुल चंदे का 71 फीसदी था. सिसोदिया ने कहा कि आप में चंदा सिर्फ बैंकिंग प्रणाली से ही लेने की व्यवस्था है और इससे जुड़ा पूरा ब्योरा आयकर विभाग को सौंपा जा चुका है, इसलिए आयकर विभाग का यह कहना कि आप ने 34 नोटिसों का जवाब नहीं दिया, पूरी तरह से गलत है.

VIDEO : आयकर विभाग ने AAP को भेजा नोटिस सिसोदिया ने कहा कि आप देश की एकमात्र पार्टी है जो अपने चंदे के एक-एक रुपये का हिसाब ना केवल व्यवस्थित करती है, बल्कि उसे चुनाव आयोग समेत जांच एजेंसियों को भी सौंपती है. ऐसे में पार्टी के समूचे चंदे को गैर-कानूनी बताते हुए उस पर 30 करोड़ का टैक्स लगाना अप्रत्याशित है.

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