देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना (Covid-19) के मामलों के बीच दिल्ली सरकार और एलजी कोरोना मरीजों को कोविड सेंटर भेजे जाने को लेकर आमने सामने थे. लेकिन आज के उपराज्यपाल अनिल बैजल अपने फैसले से पीछे हट गए. दिल्ली में अब कोरोना पॉजिटिव को कोविड केअर सेंटर जाना अनिवार्य नहीं होगा. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में हुआ फैसला. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपना फैसला वापस ले लिया है. यानी अब दिल्ली में कोई कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कोविड केअर सेंटर जा कर अपनी जांच नहीं करानी होगी. बल्कि पुराने सिस्टम के तहत सरकार और प्रशासन के लोग घर पर आकर क्लीनिकल एसेसमेंट और फिजिकल एसेसमेंट करके देखेंगे कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहने लायक है या नहीं.
दिल्ली में कोरोना के केसों की संख्या 70390 है, इसमें से 41437 लोग रिकवरी हासिल कर चुके हैं. कोरोना ने यहां 2365 लोगों की जान ली है, देश की राजधानी में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 26588 है.
इससे पहले बुधवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने होम आइसोलेशन की पुरानी व्यवस्था लागू करने का मुद्दा उठाया था. सिसोदिया ने गृहमंत्री अमित शाह से पुरानी व्यवस्था फिर से लागू करने को लेकर आग्रह किया था. सिसोदिया ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाला व्यक्ति या तो घर रहना चाहता है या हॉस्पिटल जाना चाहता है लेकिन एलजी साहब की आदेश की वजह से हर कोई अब घर ही रहना चाहता है.
मंगलवार को भी उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और बताया था कि इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के राज्यपाल अनिल बैजल और अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी है.
डिप्टी सीएम ने कहा था, 'एलजी साहब के आदेश की वजह से एंबुलेंस सेवा दबाव में है. बसों में भरकर लोगों को बिठाकर ले जाना पड़ रहा है. इसकी वजह से दिल्ली में अफरा-तफरी मच गई है. मैंने चिट्ठी लिखी थी एलजी साहब को लेकिन पहले भी कहा था और चिट्ठी भी लिखी लेकिन आपने कोई जवाब नहीं दिया है.'
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