
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देना शुरू कर दिया है. इस चुनाव के सहारे दिल्ली की सत्ता में दोबारा आने की तैयारी कर रही BJP ने चुनाव प्रचार के लिए अपने 100 के करीब बड़े नेताओं को प्रचार में उतारने के फैसला किया है. पार्टी की बैठक में दिल्ली चुनाव को लेकर अलग-अलग रणनीतियों पर भी बात की गई है. इसके तहत पार्टी ने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान 5 हजार से ज्यादा सभाएं करने का फैसला किया है. पार्टी का लक्ष्य है कि वह दिल्ली भर में हर दिन 250 या इससे ज्यादा सभाएं करें. इस चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने खास रणनीती भी तैयार की है. इसके तहत पार्टी पिछली बार की तरह इस बार बड़ी सभाएं आयोजित कराने के पक्ष में नहीं है. इन बड़ी सभाओं की जगह पार्टी ने अपने नेताओं को गली मोहल्लों में छोटी-छोटी सभाएं आयोजित करने को कहा है. साथ ही कहा गया है कि इन सभाओं में 200 से ज्यादा लोगों की मौजूदी नहीं होनी चाहिए. नेताओं के दौरे और सभाओं को आयोजन को लेकर BJP इस बार बकायदा रोस्टर भी तैयार कर रही है. बता दें कि दिल्ली बीजेपी ने पीएम मोदी से चुनाव प्रचार के दौरान 10 रैली करने का अनुरोध किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के तहत पीएम दफ्तर की तरफ से अभी तक तीन रैली की मंजूरी मिल गई है.
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बता दें कि कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने दिल्ली चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी. पार्टी ने विधानसभा की 70 सीटों में से फिलहाल 57 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी थी. बीजेपी ने ज्यादा भरोसा अपने पुराने सिपहसलारों पर ही जताया था. जबकि दिल्ली की सबसे प्रतिष्ठित नई दिल्ली विधानसभा सीट के नाम की घोषणा नहीं की गई थी. लेकिन हालांकि इन 57 नामों में एक भी नाम ऐसा नहीं लग रहा है जिसे मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा सके. इन नामों की घोषणा शुक्रवार को दिल्ली चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर के साथ प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने की थी. इनमें 11 प्रत्याशी अनुसूचित जाति/जनजाति हैं जबकि चार महिलाओं को भी टिकट दिया गया. यही नहीं आम आदमी पार्टी में रहे कपिल मिश्रा और कांग्रेस में रहे सुरेंद्र सिंह बिट्टू जैसे दलबदलुओं के नाम भी लिस्ट में हैं.
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हालांकि बीजेपी ने अभी तक अरविंद केजरीवाल की सीट नई दिल्ली और कृष्णा नगर से किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारा है. कृष्णा नगर की सीट से कभी केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन का गढ़ रहा है. लेकिन साल 2015 में बीजेपी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी चुनाव हार गई थीं. हो सकता है बीजेपी इन दो सीटें पर बड़े चेहरों को मैदान में उतारे. बात करें नई दिल्ली सीट की तो यह क्षेत्र मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक भाग्य तय करने वाला है. साल 2013 में केजरीवाल ने यहां पर विजेंद्र गुप्ता और शीला दीक्षित को हराया था. इसके बाद साल 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा को हराया था. बात करें कृष्णा नगर सीट की तो हर्षवर्धन इस सीट से 5 विधायक रहे हैं. साल 2013 में हुए चुनाव में वह बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी थे. साल 2015 के चुनाव में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रहीं किरण बेदी यहां से चुनाव हार गई थीं. उनको आम आदमी पार्टी की नेता एसके बग्गा ने हराया था.
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