WPL Auction: पिछले चरण में अंतिम स्थान पर रहने वाली गुजरात जायंट्स महिलाओं की प्रीमियर लीग (WPL Auction) की शनिवार को होने वाली नीलामी में अगले सत्र के लिए अपनी टीम की कमियों को दूर करना चाहेगी जिसके लिए उसके पास अन्य चार टीमों की तुलना में सबसे ज्यादा राशि होगी. गुजरात जायंट्स मार्च में हुए शुरूआती चरण में पांचवें और अंतिम स्थान पर रही थी जबकि एक अन्य ‘हाई प्रोफाइल' टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर चौथे स्थान पर रही थी. कुल 165 खिलाड़ियों की नीलामी में अन्य फ्रेंचाइजी भी अपनी टीम को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगी. 30 स्थानों (नौ विदेशी खिलाड़ियों) के लिए होने वाली डब्ल्यूपीएल की ‘मिनी' नीलामी में 104 भारतीय और 61 विदेशी (एसोसिएट देश की 15) खिलाड़ी होंगी.
नीलामी में 56 ‘कैप्ड' और 109 ‘अनकैप्ड' (जिसने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला हो) खिलाड़ी होंगी. डब्ल्यूपीएल के दूसरे चरण का आयोजन इंडियन प्रीमियर लीग से पहले फरवरी-मार्च में होने की संभावना है. शुरूआती चरण में यह एक शहर में खेला गया था जबकि 2024 का चरण मुंबई और बेंगलोर में होगा. वेस्टइंडीज की डायंड्रा डोटिन को चिकित्सीय आधार पर शुरूआती सत्र के शुरू होने से पहले ही विवादास्पद तरीके से गुजरात जायंट्स से बाहर कर दिया गया था. दो खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये के उच्चतम ‘रिजर्व प्राइस' में रखा गया है जिसमें से एक डायंड्रा हैं और दूसरी आयरिश-आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर किम गार्थ हैं.
आस्ट्रेलिया की आल राउंडर अनाबेल सदरलैंड और जॉर्जिया वारेहैम शुरूआती चरण में खेली थीं जिनका ‘बेस प्राइस' (आधार मूल्य) 40 लाख रुपये है. दक्षिण अफ्रीका की शबनीम इस्माइल और इंग्लैंड की विकेटकीपर बल्लेबाज एमी जोन्स का भी आधार मूल्य 40 लाख रुपये है.
भारत की अनुभवी क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति, पूनम राउत, सुषमा वर्मा, एकता बिष्ट, गौहर सुल्ताना और मोना मेशराम का आधार मूल्य 30 लाख रुपये है. इसी ब्रैकेट में आस्ट्रेलिया की एरिन बर्न्स और सोफी मोलिनेक्स, इंग्लैंड की डैनी वाट और टैमी ब्यूमोंट, श्रीलंकाई कप्तान चामरी अटापट्टू और दक्षिण अफ्रीका की नादिने डि क्लर्क शामिल हैं. नीलामी में गुजरात जायंट्स के पास 5.95 करोड़ रुपये की सबसे ज्यादा राशि मौजूद है और उसे अपनी टीम को तैयार करने में 10 नयी खिलाड़ियों को चुनना होगा.
टीम का पहला सत्र काफी खराब रहा जिसमें आस्ट्रेलिया की बेथ मूनी पहले ही मैच में चोटिल होने के बाद बाहर हो गयी थीं जिससे भारत की स्नेह राणा ने सत्र के ज्यादातर हिस्से में कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी. सदरलैंड, वारेहैम, गार्थ और सोफिया डंकले जैसी बेहतरीन विदेशी खिलाड़ियों को जाने देने के बाद जायंट्स की टीम अपनी ‘बेंच स्ट्रेंथ' मजबूत करने पर ध्यान लगायेगी. थाईलैंड की 19 सालकी थिपाट्चा पुथावोंग को लेकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के खेमे में काफी दिलचस्पी दिखी है. वह 42 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं और उनका इकोनोमी रेट 4.14 का है.
पिछले सत्र में आरसीबी ने आठ में से छह मैच गंवा दिये थे और प्लेऑफ नहीं खेल सकी थी. उसके पास 3.35 करोड़ रुपये की राशि मौजूद हैं और उसे तीन विदेशी सहित सात खिलाड़ियों की जरूरत है ताकि 18 खिलाड़ियों की टीम पूरी हो सके. पिछले साल फाइनल में पहुंची दिल्ली कैपिटल्स एक तेज गेंदबाज को शामिल कर सकती है क्योंकि उसने एसोसिएट देश अमेरिका की एकमात्र खिलाड़ी तारा नौरिस को ‘रिलीज' कर दिया है जो टूर्नामेंट में पांच विकेट झटकने वाली पहली खिलाड़ी भी बनी थीं.
दिल्ली कैपिटल्स के पास 2.25 करोड़ रुपये की राशि है और उसके पास 15 खिलाड़ी मौजूद हैं जिससे वह अधिकतम तीन खिलाड़ियों को शामिल कर सकती है जिसमें से एक विदेशी हो. यूपी वारियर्स के पास चार करोड़ रुपये हैं जिसे पांच स्थान भरने हैं जिसमें से एक विदेशी खिलाड़ी का है. कप्तान एलिसा हीली के नेतृत्व में पांच टीम के टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहने वाली यूपी वारियर्स ने दक्षिण अफ्रीका की अनुभवी क्रिकेटर इस्माइल को जाने दिया जिससे टीम के अपने आक्रमण को मजबूत करने और देविका वैद्य के जाने से हुई कमी को पूरा करने के लिए एक अन्य मुख्य तेज गेंदबाज शामिल करने की उम्मीद है.
चैम्पियन मुंबई इंडियंस को भी पांच खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना है जिसमें से एक विदेशी खिलाड़ी होंगी. मुंबई इंडियंस के पास 2.1 करोड़ रुपये की राशि है और उसने जिन खिलाड़ियों को रिलीज किया है, उनके बावजूद उसकी ‘कोर टीम' बरकरार है. कप्तान हरमनप्रीत कौर की अंतिम एकादश में आल राउंडर खिलाड़ियों को रखने की रणनीति भी बरकरार है. मुंबई इंडियंस युवा खिलाड़ियों को शामिल कर सकती है ताकि भविष्य के लिए उन्हें तैयार किया जा सके.
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