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This Article is From Apr 03, 2020

किन प्‍लेयर्स के साथ बल्‍लेबाजी करने में मजा आता है, विराट कोहली ने लिए ये दो नाम...

विराट ने वर्ष 2014 के अपने इंग्‍लैंड दौरे को अपने क्रिकेट का सबसे खराब दौर बताया. इस दौरे के पांच टेस्‍ट मैचों में वे बल्‍ले से बुरी तरह फ्लॉप हुए थे और इंग्‍लैंड के स्विंग गेंदबाज जेम्‍स एंडरसन की गेंदों पर आउट हो रहे थे. ऐसा लग रहा था कि विराट बल्‍लेबाजी करना ही भूल गए हैं और रन बनाने के लिए नहीं बल्कि आउट होने के लिए बल्‍लेबाजी करने पहुंच रहे हैं.

किन प्‍लेयर्स के साथ बल्‍लेबाजी करने में मजा आता है, विराट कोहली ने लिए ये दो नाम...
Virat Kohli को भारत के सर्वकालीन सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजों में शुमार किया जाता है

Virat Kohli: टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने एमएस धोनी (MS Dhoni) और दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) को ऐसा बल्‍लेबाज बताया है जिनके साथ बल्‍लेबाजी करने का भरपूर मजा लेते हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट में 70 सैकड़े जड़ चुके विराट के अनुसार, मैं ऐसे प्‍लेयर के साथ बैटिंग करना पसंद करता हूं जो तेज दौड़ते हैं और हरदम रन भागने को तैयार रहते हैं. जब मैं देश के लिए खेलता हूं तो एमएस धोनी और अन्‍य स्थितियों में खेलते हुए एबी वह शख्‍स हैं. गौरतलब है कि एबी डिविलियर्स इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में विराट की ही टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए खेलते हैं. विराट ने यह विचार इंग्‍लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) के साथ इंस्‍टाग्राम पर लाइव चैट (Instagram Live) के दौरान जताया. इस दौरान टीम इंडिया के कप्‍तान ने क्रिकेट करियर के सबसे खराब लम्‍हे और खेल से जुड़े अन्‍य मुद्दों पर भी बातचीत की.

विराट ने वर्ष 2014 के अपने इंग्‍लैंड दौरे को अपने क्रिकेट का सबसे खराब दौर बताया. इस दौरे के पांच टेस्‍ट मैचों में वे बल्‍ले से बुरी तरह फ्लॉप हुए थे और इंग्‍लैंड के स्विंग गेंदबाज जेम्‍स एंडरसन की गेंदों पर आउट हो रहे थे. ऐसा लग रहा था कि विराट बल्‍लेबाजी करना ही भूल गए हैं और रन बनाने के लिए नहीं बल्कि आउट होने के लिए बल्‍लेबाजी करने पहुंच रहे हैं. इंग्‍लैंड के उस टूर में विराट ने 14 रन के आसपास की औसत से रन बनाए थे, वे इस दौरे में कोई अर्धशतक भी नहीं बना पाए थे.

विराट (Virat Kohli) ने कहा, 'वर्ष 2014 का इंग्‍लैंड टूर मेरे करियर का सबसे खराब दौर था. यह ऐसा दौर था जब बल्‍लेबाज के तौर पर मैं जानता था कि मैं आउट हो जाऊंगा. मैं जानता था कि मुझसे रन नहीं बनेंगे. ऐसा लगता था कि मैं केवल नाकाम होने के लिए खेल रहा हूं.' हालांकि कोहली ने यह भी माना कि इस दौर की नाकामी ने उन्‍हें मानसि‍क रूप में मजबूत करने में भी मदद की. उन्‍होंने कहा कि मैंने अपने आप से वादा किया कि ऐसी बातों को दिमाग पर फिर से हावी नहीं होने दूंगा. इस दौरे की अपनी नाकामी का कारण बताते हुए विराट ने कहा, यह इसलिए हुआ कि मैं बहुत अधिक आत्‍मकेंद्रित (selfish) हो गया था और अपने बारे में ही सोच रहा था. चर्चा के दौरान कोहली ने इस बात पर खुशी जताई कि सोशल मीडिया पर लोग उनके प्रति प्‍यार और दीवानगी जताते हैं. उन्‍होंने कहा कि इससे मैं अच्‍छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित होता हूं. उन्‍होंने कहा कि फैंस आपको अच्‍छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं. 

VIDEO: अपने करियर के बारे में विराट कोहली ने कही यह बात

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