विराट कोहली और हरभजन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के न्यूजीलैंड पर क्लीन स्वीप का जश्न शुरू ही हुआ था कि हरभजन सिंह की ओर से भारत की पिचों पर तंज कसे जाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया. इससे मानो पुरानी बहस को एक नई आवाज मिल गई. भज्जी ने कुछ दिनों पहले ट्वीट कर कहा था, '103 टेस्ट में सिर्फ़ 2 (इन्हीं में शार्प टर्नर विकेट मिले)... पिछले 4 साल में जिस तरह की पिचों पर हम खेले हैं, मेरे और कुंबले के आंकड़े कुछ और होते.' आइए भज्जी की बातों की सच्चाई को आंकड़ों की नजर से परखते हैं...
स्पिनरों का भारत में प्रदर्शन
2012: न्यूज़ीलैंड (2 मैच )
- स्पिनरों को 40 में से 31 विकेट
2013: ऑस्ट्रेलिया (4 मैच)
- 80 में से 60 विकेट स्पिनरों के नाम
2013: वेस्टइंडीज (2 मैच)
- स्पिनरों को 40 में से 23 विकेट
2015: दक्षिण अफ्रीका (4 मैच)
- 70 में से 61 विकेट स्पिनरों के नाम
2016: न्यूज़ीलैंड (3 मैच)
- स्पिनरों को 60 में से 41 विकेट
कप्तान को फिक्र नहीं
पिच पर स्पिन के प्रभाव पर विराट ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया. विराट ने कहा, 'हमें सीरीज से पहले ही पता था कि लोग पिच के बारे में बातें करेंगे, लेकिन हमने इसे गलत साबित कर दिया... हमें पता था कि हर जगह मॉनसून है, तो पिच सूखी नहीं मिलेगी (गौरतलब है कि बिल्कुल सूखी पिच होने पर ही ज्यादा टर्न मिलता है). खासतौर पर कोलकाता में... वहां पर एक नई पिच पर खेलना था. हमें अपने हुनर पर भरोसा है और हम किसी भी तरह की पिच पर किसी भी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं... यह टीम के लिहाज से सही दिशा में कदम है.'
हालांकि हरभजन सिंह के ट्वीट ने आलोचकों को भारत की रणनीति पर सवाल उठाने का मौका दे दिया. सवाल फिर खड़ा हो गया कि क्या टीम इंडीया अपनी धरती पर स्पिन लेते विकटों का जरूरत से ज्यादा ही फायदा उठा रही है.. पर पिछले कुछ दिनों से ये चलन क्रिकेट की दुनिया में आम हो गया है... इंग्लैंड हो, ऑस्ट्रेलिया हो, द.अफ्रीका या फिर श्रीलंका ही क्यों न हो.. हर कोई अपने घर में अपनी ताकत के हिसाब से पिच तैयार कर रहा है..फिर भारत पर ही सवाल क्यों?
स्पिनरों का भारत में प्रदर्शन
2012: न्यूज़ीलैंड (2 मैच )
- स्पिनरों को 40 में से 31 विकेट
2013: ऑस्ट्रेलिया (4 मैच)
- 80 में से 60 विकेट स्पिनरों के नाम
2013: वेस्टइंडीज (2 मैच)
- स्पिनरों को 40 में से 23 विकेट
2015: दक्षिण अफ्रीका (4 मैच)
- 70 में से 61 विकेट स्पिनरों के नाम
2016: न्यूज़ीलैंड (3 मैच)
- स्पिनरों को 60 में से 41 विकेट
कप्तान को फिक्र नहीं
पिच पर स्पिन के प्रभाव पर विराट ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया. विराट ने कहा, 'हमें सीरीज से पहले ही पता था कि लोग पिच के बारे में बातें करेंगे, लेकिन हमने इसे गलत साबित कर दिया... हमें पता था कि हर जगह मॉनसून है, तो पिच सूखी नहीं मिलेगी (गौरतलब है कि बिल्कुल सूखी पिच होने पर ही ज्यादा टर्न मिलता है). खासतौर पर कोलकाता में... वहां पर एक नई पिच पर खेलना था. हमें अपने हुनर पर भरोसा है और हम किसी भी तरह की पिच पर किसी भी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं... यह टीम के लिहाज से सही दिशा में कदम है.'
हालांकि हरभजन सिंह के ट्वीट ने आलोचकों को भारत की रणनीति पर सवाल उठाने का मौका दे दिया. सवाल फिर खड़ा हो गया कि क्या टीम इंडीया अपनी धरती पर स्पिन लेते विकटों का जरूरत से ज्यादा ही फायदा उठा रही है.. पर पिछले कुछ दिनों से ये चलन क्रिकेट की दुनिया में आम हो गया है... इंग्लैंड हो, ऑस्ट्रेलिया हो, द.अफ्रीका या फिर श्रीलंका ही क्यों न हो.. हर कोई अपने घर में अपनी ताकत के हिसाब से पिच तैयार कर रहा है..फिर भारत पर ही सवाल क्यों?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
विराट कोहली, हरभजन सिंह, स्पिन पिच, भारत Vs न्यूजीलैंड, टेस्ट मैच, स्पिनरों का भारत में प्रदर्शन, Virat Kohli, Harbhajan Singh, Spin Track, Spin Pitches, Spinners In India, Test Match