यह ख़बर 11 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

महेंद्र सिंह धोनी की करिश्माई पारी, भारत का ट्राई-सीरीज पर कब्जा

खास बातें

  • श्रीलंका के खिलाफ त्रिकोणीय एक-दिवसीय शृंखला के फाइनल मैच में भारतीय कप्तान धोनी ने एक बार फिर धैर्य और संयम का परिचय दिया, और विदेशी जमीन पर अंतिम ओवर में भारत के लिए शानदार जीत दर्ज की।
पोर्ट ऑफ स्पेन:

त्रिकोणीय एक-दिवसीय क्रिकेट शृंखला के फाइनल मैच में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर धैर्य और संयम का परिचय देते हुए कप्तानी पारी खेली, और कैरेबियाई धरती पर खेले गए मैच में आखिरी ओवर में भारत के लिए शानदार जीत दर्ज की। श्रीलंका के खिलाफ एक विकेट से मिली इस जीत के साथ ही सेल्कॉन कप पर भारत का कब्जा हो गया।

जीत के लिए 202 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 49.4 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर 203 रन बनाए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दो छक्कों और पांच चौकों की मदद से नाबाद 45 रन की महत्वूपर्ण पारी खेली। वहीं, इशांत ने क्रीज पर उनका बखूबी साथ देते हुए दो रन बनाए।

इससे पहले, अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने श्रीलंका को 48.5 ओवर में 201 रन पर ऑल आउट कर दिया था। जवाब में भारतीय बल्लेबाज भी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में नहीं बदल सके। रोहित शर्मा ने 89 गेंदों में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से सर्वाधिक 58 रन बनाए।

वैसे, भारत के लिए रोहित के अलावा दिनेश कार्तिक (23) और सुरेश रैना (32) ने भी उपयोगी पारियां खेलीं। शिखर धवन 16 और विराट कोहली दो रन बनाकर आउट हो गए। रवींद्र जडेजा ने पांच रन बनाए तो रविचंद्रन अश्विन बिना खाता खोले ही पैवेलियन लौट गए। इसके बाद क्रीज पर आए भुवनेश्वर कुमार ने 15 गेंदों का सामना जरूर किया, लेकिन वह भी बिना रन बनाए ही आउट हुए। भुवनेश्नवर का विकेट लसिथ मलिंगा ने लिया। इसके बाद विनय कुमार ने 15 गेंदों का सामना किया और पांच रन बनाकर पैवेलिन लौट गए। विनय कुमार का विकेट श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने लिया।

भारतीय पारी के दौरान श्रीलंका के लिए रंगना हेराथ ने चार, शमिंदा इरांगा ने दो, और लकमल, मलिंगा तथा मैथ्यूज ने एक-एक विकेट चटकाया।

इससे पहले, टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण चुनने का भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का फैसला सही साबित हुआ। शानदार फार्म में चल रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने श्रीलंका के दोनों सलामी बल्लेबाजों को 14वें ओवर में पैवेलियन भेज दिया, जब स्कोरबोर्ड पर कुल 49 रन टंगे थे।

श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा ने 100 गेंदों में छह चौकों और एक छक्के की मदद से 71 रन बनाए, जबकि लाहिरू तिरिमाने ने 72 गेंदों में 46 रन बनाए। भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने 7.5 ओवर में 23 रन देकर चार विकेट लिए, जबकि भुवनेश्वर, अश्विन और इशांत को दो-दो विकेट मिले। श्रीलंका का पहला विकेट सातवें ओवर की आखिरी गेंद पर गिरा था, जब उपुल थरंगा (11) ने भुवनेश्वर की गेंद पर विकेट के पीछे धोनी को कैच थमाया।

अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने (22) को भी भुवनेश्वर ने ही पैवेलियन भेजा, जो अश्विन को कैच देकर लौटे। दो विकेट 49 रन पर गिरने के बाद संगकारा और तिरिमाने ने तीसरे विकेट के लिए 122 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी को इशांत ने 38वें ओवर में तोड़ा, जब तिरिमाने लेग स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर भुवनेश्वर को कैच देकर पैवेलियन लौटे। उन्होंने 72 गेंदों की अपनी पारी में चार चौके लगाए। इसके बाद स्कोरबोर्ड पर तीन ही रन और जुड़े थे कि संगकारा भी रवाना हो गए। स्पिनर अश्विन की गेंद पर मिड-ऑन में विनय कुमार ने उनका कैच लपका।

इसके बाद श्रीलंका का कोई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका और न ही बड़ी साझेदारी बनी। अश्विन ने 40वें ओवर में ही एक और विकेट चटकाते हुए कुसल परेरा को आउट किया, जो आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में चूके और टूर्नामेंट के पहले ही मैच में चोटिल होने के बाद सीधे फाइनल मैच में वापसी करने वाले धोनी ने स्टम्पिंग करने में कोई गलती नहीं की।

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श्रीलंकाई पारी के निचले क्रम के चारों विकेट जडेजा ने चटकाए। उन्होंने सबसे पहले दिनेश चांदीमल को अश्विन के हाथों लपकवाया। उस समय स्कोर 43वें ओवर में 183 रन था। कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 10 रन बनाकर इशांत की गेंद पर विनय को कैच देकर लौटे। जडेजा ने रंगना हेराथ (5) और लसिथ मलिंगा (0) को 47वें ओवर की पहली और तीसरी गेंद पर आउट किया। हेराथ को धोनी ने स्टम्प किया, जबकि मलिंगा ने भुवनेश्वर को कैच थमाया। श्रीलंका का आखिरी विकेट सुरंगा लकमल के रूप में गिरा, जो धोनी की स्टम्पिंग का शिकार हुए।