युवराज सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
चार मैचों के बाद ये साफ़ हो जाएगा कि सीज़न-8 का चैम्पियन कौन है लेकिन हम एक नज़र डालते हैं उन खिलाड़ियों पर जो इस बार अपना मैजिक नहीं दिखा सके।
युवराज सिंह (डेल्ही डेयरडेविल्स)
दिल्ली ने युवराज सिंह की 16 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाकर ख़रीदा लेकिन युवी उनके भरोसे पर खरे नहीं उतर सके। दिल्ली ने वर्ल्ड कप 2011 के प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे खिलाड़ी पर इतनी बड़ी बोली इस उम्मीद में लगाई कि वो टीम की काया पलट कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कुछ मैचों में बल्लेबाज़ी करते हुए पुराने युवी की झलक ज़रूर दिखी लेकिन फ़ील्ड में चुस्त रहने वाला ये खिलाड़ी इस बार सुस्त दिखा। युवी ने 14 मैचों की दो अर्द्धशतकीय पारियों की मदद से 248 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट क़रीब 118 का रहा।
वीरेंद्र सहवाग (किंग्स XI पंजाब)
टीम इंडिया में वापसी करने की चाह नजफ़गढ़ के नवाब में अब भी है लेकिन बल्ले से रन निकले एक ज़माना बीत गया। वीरेंद्र सहवाग ने आईपीएल के पिछले सीज़न के 17 मैचों में 455 रन बनाए थे। लेकिन इस सीज़न रनों के अकाल की वजह से वो सिर्फ़ 8 मैच खेल सके। इन मैचों में वो सिर्फ़ 99 रन बटोर सके। हालांकि पंजाब टीम में उनके सहयोगी खिलाड़ी कहते हैं कि सहवाग के टीम में रहने से युवाओं को उनसे सीखने का मौक़ा मिला है।
दिनेश कार्तिक (रॉयल चैलेंजर बैंगलोर)
युवी की तरह बैंगलोर ने दिनेश कार्तिक पर 10.50 करोड़ खर्च किया लेकिन कार्तिक अब तक फ़्लॉप रहे हैं। बैंगलोर ने 29 साल के कार्तिक को पहले विकेटकीपर के तौर पर रखा है लेकिन हर मैच में कार्तिक रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे। कार्तिक के बल्ले से 9 पारियों में 105 रन निकले।
ईशांत शर्मा (सनराइज़र्स हैदराबाद)
ईशांत शर्मा चोट की वजह से वर्ल्ड कप नहीं खेल सके। आईपीएल में ईशांत ने वापसी की लेकिन ये टूर्नामेंट उनके लिए भुला देने वाला रहा। चेन्नई के ख़िलाफ़ उनके तीन ओवर में 46 रन बने तो अगले मैच में ईशांत को बाहर बैठना पड़ा। सनराइज़र्स ने ईशांत को दोबारा भी मौक़ा दिया लेकिन उनके प्रदर्शन मे कोई सुधार नहीं हुआ। इस सीज़न ईशांत ने 4 मैच में एक विकेट लिए।
मुरली विजय (किंग्स XI पंजाब)
आईपीएल आठ में मुरली विजय पिच पर टिकने के बाद अपनी ग़लती से विकेट गंवाते रहे और किंग्स इलेवन पंजाब को कभी भी एक ठोस शुरुआत नहीं मिली। विजय को फ़ैन्स 5 सीज़न्स चेन्नई के लिए अच्छा प्रदर्शन करते देख चुके हैं। ऐसे में इस सीज़न उनकी बल्लेबाज़ी देखकर फ़ैन्स काफ़ी निराश हुए। विजय के बल्ले से 11 मैचों में बिना कोई हाफ़-सेंचुरी के 251 रन निकले।
युवराज सिंह (डेल्ही डेयरडेविल्स)
दिल्ली ने युवराज सिंह की 16 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाकर ख़रीदा लेकिन युवी उनके भरोसे पर खरे नहीं उतर सके। दिल्ली ने वर्ल्ड कप 2011 के प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे खिलाड़ी पर इतनी बड़ी बोली इस उम्मीद में लगाई कि वो टीम की काया पलट कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कुछ मैचों में बल्लेबाज़ी करते हुए पुराने युवी की झलक ज़रूर दिखी लेकिन फ़ील्ड में चुस्त रहने वाला ये खिलाड़ी इस बार सुस्त दिखा। युवी ने 14 मैचों की दो अर्द्धशतकीय पारियों की मदद से 248 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट क़रीब 118 का रहा।
वीरेंद्र सहवाग (किंग्स XI पंजाब)
टीम इंडिया में वापसी करने की चाह नजफ़गढ़ के नवाब में अब भी है लेकिन बल्ले से रन निकले एक ज़माना बीत गया। वीरेंद्र सहवाग ने आईपीएल के पिछले सीज़न के 17 मैचों में 455 रन बनाए थे। लेकिन इस सीज़न रनों के अकाल की वजह से वो सिर्फ़ 8 मैच खेल सके। इन मैचों में वो सिर्फ़ 99 रन बटोर सके। हालांकि पंजाब टीम में उनके सहयोगी खिलाड़ी कहते हैं कि सहवाग के टीम में रहने से युवाओं को उनसे सीखने का मौक़ा मिला है।
दिनेश कार्तिक (रॉयल चैलेंजर बैंगलोर)
युवी की तरह बैंगलोर ने दिनेश कार्तिक पर 10.50 करोड़ खर्च किया लेकिन कार्तिक अब तक फ़्लॉप रहे हैं। बैंगलोर ने 29 साल के कार्तिक को पहले विकेटकीपर के तौर पर रखा है लेकिन हर मैच में कार्तिक रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे। कार्तिक के बल्ले से 9 पारियों में 105 रन निकले।
ईशांत शर्मा (सनराइज़र्स हैदराबाद)
ईशांत शर्मा चोट की वजह से वर्ल्ड कप नहीं खेल सके। आईपीएल में ईशांत ने वापसी की लेकिन ये टूर्नामेंट उनके लिए भुला देने वाला रहा। चेन्नई के ख़िलाफ़ उनके तीन ओवर में 46 रन बने तो अगले मैच में ईशांत को बाहर बैठना पड़ा। सनराइज़र्स ने ईशांत को दोबारा भी मौक़ा दिया लेकिन उनके प्रदर्शन मे कोई सुधार नहीं हुआ। इस सीज़न ईशांत ने 4 मैच में एक विकेट लिए।
मुरली विजय (किंग्स XI पंजाब)
आईपीएल आठ में मुरली विजय पिच पर टिकने के बाद अपनी ग़लती से विकेट गंवाते रहे और किंग्स इलेवन पंजाब को कभी भी एक ठोस शुरुआत नहीं मिली। विजय को फ़ैन्स 5 सीज़न्स चेन्नई के लिए अच्छा प्रदर्शन करते देख चुके हैं। ऐसे में इस सीज़न उनकी बल्लेबाज़ी देखकर फ़ैन्स काफ़ी निराश हुए। विजय के बल्ले से 11 मैचों में बिना कोई हाफ़-सेंचुरी के 251 रन निकले।
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