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This Article is From Oct 30, 2023

World Cup 2023 में इन 5 बड़ी वजहों से बर्बाद हुआ पाकिस्तान, सेमीफाइनल से हो गई लगभग छुट्टी

Pakistan vs Bangladesh: पाकिस्तान फिलहाल एक ऐसी जगह खड़ा है, जहां से अंतिम चार के लिए टिकट हासिल करना चमत्कार से भी ऊपर के स्तर की बात हो चली है

World Cup 2023 में इन 5 बड़ी वजहों से बर्बाद हुआ पाकिस्तान, सेमीफाइनल से हो गई लगभग छुट्टी
Babar Azam की औसत कप्तानी ने टीम को खासा नुकसान पहुंचाया
नई दिल्ली:

पाकिस्तान की टीम जैसा हश्र जारी World Cup 2023 में हुआ है, उसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं. पूर्व कप्तान और चीफ सेलेक्टर इंजमाम-उल-हक (Inzmam-Ul-Haq) ने इस्तीफा दे दिया है. और अब आने वाले दिनों में और भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आ सकती हैं. बहरहाल,  पाकिस्तान की टीम अभी तक के सफर में छह में से दो जीत से चार अंकों के साथ छठे स्थान पर है. और उसका लगभग सेमीफाइनल से पत्ता साफ हो चुका है. इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट में घमासान मचा हुआ है. बहरहाल, अगर ऐसा हुआ है, तो PCB को अपने टीम डायरेक्टर और हेड कोच मिकी ऑर्थर की मनोदशा से उलट समझदारी और विकेक के साथ टीम का मूल्यांकन करना होगा. चलिए आप वे 5 बड़ी वजह जान लीजिए, जिनकी वजह से पाकिस्तान World Cup 2023 में बर्बाद हो गया. 

(जानें कि बांग्लादेश के खिलाफ कैसा बन रहा पाकिस्तान का समीकरण)

1. बाबर आजम की औसत कप्तानी

इसमें कोई संदेह नहीं कि बाबर आजम दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में शुमार हैं, लेकिन इस बार प्रदर्शन में टीम के लिए जरूरी निरंतरता का अभाव तो रहा ही, तो वहीं उनकी कप्तानी औसत रही. बाबर बतौर कप्तान सटीक और सधे फैसले लेने में नाकाम रहे. खासतौर पर सबसे जरूरत के समय बाबर चूक गए और उनकी शैली में आक्रामकता एकदम से नदारद रही. ऐसे में बाबर की कप्तानी से धार नदारद रही और इसका असर टीम के हितों पर पड़ा

2. विशुद्ध स्पिनरों का अभाव...बाकी गिर औंधे मुंह

यह बहुत ही हैरानी की बात रही कि जहां अफगानसिस्तान टीम पाकिस्तान के खिलाफ चार स्पिनरों (मोहम्मद नबी को मिलाकर मैदान पर उतरी), तो पाकिस्तान टीम में एडम जंपा और कुलदीप यादव के स्तर का एक भा पूर्णकालिक स्पिनर नहीं ही दिखा. यह पाकिस्तान की बड़ी रणनीतिक चूक रही और इसकी कमी साफ-साफ दिखी. हालांकि, उसकी टीम में सऊद शकील, आगा सलमान (बल्लेबाज-स्पिन-ऑलराउंडर) और मोहम्मद नवाज और उप-कप्तान शादाब खान (बॉलर-स्पिन-ऑलराउंडर) थे, लेकिन इनमें कुलदीप और जंपा जैसी मारकता नहीं थी. शादाब खान तुलनात्मक रूप से अपने साथियों से बेहतर थे, लेकिन इन्हें न लय ही मिली और न ही फॉर्म. शादाब 5 मैचों में दो ही विकेट चटका सके. एक और स्पिनर ओसामा मीर के हिस्से में तीन विकेट आए, लेकिन यह प्रदर्शन बताता है कि पाकिस्तान को विशुद्ध स्पिनर की कमी बहुत ही ज्यादा खली


3. बल्लेबाजों ने नहीं ही दिया साथ

टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान की बल्लेबाजी कप्तान बाबर आजम और उप-कप्तान मोहम्मद रिजवान के इर्द-गिर्द ही थी. लेकिन रिजवान शमशाद को छोड़ दें, तो कप्तान बाबर भी उम्मीदों पर नाकाम रहे. बाकी बल्लेबाजों के लिए यह मंच हीरो बनने का बड़ा मौका था, लेकिन शुरुआती छह मैचों में थोड़ा बहुत अब्दुल्ला शफीक (52.80 औसत) को छोड़ दें, तो बाकी औंधे मुंह गिरे. सऊद शकील (6 मैचों में 35.33 औसत), इमाम-उल-हक (6 मैचों में 27.00 का औसत) और इफ्तिखार अहमद (24.40) का औसत पाकिस्तान की बैटिंग का हाल बताने के लिए काफी है. बाबर आजम (6 मैचों में 34.50) का औसत भी उम्मीद से बहुत नीच रह गया. ऐसे में पाकिस्तान का यह हश्र तो होना ही था. 

4. पूर्व क्रिकेटरों की गैरजरूरी बयानबाजी

भारत की हार यूं तो पाकिस्तान को World Cup 2023 में उसके सिर्फ तीसरे ही मैच में मिली, लेकिन इस मैच के बाद पूर्व क्रिकेटरों और कप्तानों ने बहुत ही गैरजरूरी बयान दिए, तो पाकिस्तान मीडिया का रवैया भी ठीक नहीं रहा. मानो भारत के खिलाफ जीत और हार ही पूर्व कप्तानों के लिए World Cup खिताब बन गया. शोएब मलिक जैसे बहुत ही अनुभवी और पूर्व कप्तान ने बाबर आजम को बीच टूर्नामेंट से ही कप्तानी से हटाने की मांग कर दी, तो वहीं कुछ ऐसे ही आवाजें कई खिलाड़ियों से आई. इसने टीम के मनोबल पर बहुत ज्यादा चोट पहुंचाई. अफगानिस्तान से हार के बाद तो वकार यूनुस का कहना, "मैं आधा पाकिस्तानी हूं" भी कोई कहने वाली बात नहीं ही थी. 

5. कोच मिकी ऑर्थऱ की मनोदशा!

 कोई व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर क्यों न हो, उसका अनुभव, वर्तमान क्षमता उसके बयानों से छलकती है. और टीम डायरेक्टर और हेड कोच मिकी ऑर्थर ने अटपटे बयानों से टीम का नुकसान बहुत ज्यादा गिया. मिकी के बयान बताने के लिए काफी हैं कि वह इस बड़े पद पर रहने के हकदार नहीं है. ऑर्थर का यह कहना, "World Cup ICC का नहीं, बल्कि BCCI का लग रहा है", पाकिस्तान को भारत के खिलाफ "दिल-दिल पाकिस्तान" गाने की खमी खेली बताने के काफी है कि मिकी ऑर्थर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ऐसे कुतर्कों का सहारा ले रहे हैं, जो आम क्रिकेट फैंस की नजरों में सिर्फ और सिर्फ उपहास का विषय है. और जो हास्यास्पद बयान के रूप में मानो अमर से हो गए हैं. 

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