
पूर्व क्रिकेटर और दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर्स में से एक सैयद किरमानी ने अपने 75वें जन्मदिन पर अपनी आत्मकथा 'स्टंप्ड' को रिलीज किया. इस अवसर पर 1983 में वर्ल्ड कप की टीम में किरमानी के कप्तान रहे कपिल देव भी खास तौर पर बेंगलुरु पहुंचे. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार , इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति, पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, वी वी एस लक्ष्मण, इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चन्द्रशेखर, बृजेश पटेल जैसे लोगों ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की.
कपिल देव ने किरमानी के साथ हुई उनकी पहली मुलाकात से लेकर क्रिकेट के सफर से जुड़ी कई बातों को शेयर किया, साथ ही ये भी बताया कि कैसे उनके समय और आज के क्रिकेट में अंतर आ गया है. इस अवसर पर डी के शिवकुमार ने कहा कि आज जब वो इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे है तो वो यहां बतौर उप मुख्यमंत्री नहीं बल्कि किरमानी के प्रशंसक के रूप में शामिल हुए हैं. बुक रिलीज के इस मौके पर किरमानी ने 75वें जन्मदिन का केक भी काटा और साथ ही किताब पर लोगों को ऑटोग्राफ भी दिए.
सैयद किरमानी ने सुनाया 1983 वर्ल्ड कप का किस्सा
इस दौरान सैयद किरमानी ने 1983 वर्ल्ड कप में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ मैच की एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें कपिल देव का तूफान देखने को मिला था. किरमानी ने बताया कि कैसे वह नाश्ते की तैयारी कर रहे थे और ड्रेसिंग रूम में अपने कमरे थे तभी उन्हें बाहर से आवाज आई बाहर आओ, क्योंकि 17 रन पर ही पांच विकेट गिर गए थे.
पूर्व विकेटकीपर ने याद करते हुए कहा,"मैं अपने ड्रेसिंग रूम में था, नाश्ते और नहाने की तैयारी कर रहा था और अचानक बाहर से एक जोरदार आवाज़ आई - '17 रन पर पांच विकेट, बाहर आओ. मैंने स्कोरबोर्ड देखा और फिर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई."
भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप में अंडरडॉग थी और किसी को भी उसकी जीत का भरोसा नहीं था. भारत का सामना मजबूत ज़िम्बाब्वे से था, जिसके खिलाफ उसकी बल्लेबाजी लड़खड़ा गई थी. एक समय भारत का स्कोर 140/8 था. जब किरमानी बल्लेबाजी को आए तब कप्तान कपिल देव मैदान पर थे. किरमानी ने इस मैच को लेकर आगे बताया,"मैं कपिल के पास गया और कहा, 'हम करो या मरो की स्थिति में हैं, हम ऐसे ही हार नहीं मान सकते,' और उन्होंने जवाब दिया, 'हमें कम से कम 30 ओवर खेलने होंगे'."

कपिल देव के साथ सैयद किरमानी, बुक लॉन्च के दौरान
यह साझेदारी मैच के लिए काफी अहम साबित हुई. कपिल देव ने इस मैच में 138 गेंदों में नाबाद 175 रन बनाए थे. अपनी पारी के दौरान उन्होंने 16 चौके और छह छक्के लगाए. दूसरी तरफ किरमानी ने शानदार एंकर रोल निभाया और उन्होंने 56 गेंदों में 2 चौकों के दम पर नाबाद 24 रन बनाए थे. भारत ने इस साझेदारी के दम पर 60 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाए थे. इसके जवाब में ज़िम्बाब्वे सिर्फ 235 रन ही बना पाई थी. भारत ने यह मैच 31 रन से जीता था. यह साझेदारी कभी कैमरे पर रिकॉर्ड नहीं हुई, लेकिन भारतीय क्रिकेट में यह किंवदंती है.
किरमानी की आत्मकथा स्टम्प्ड: लाइफ बिहाइंड एंड बियॉन्ड द ट्वेंटी-टू यार्ड्स, 29 दिसंबर को उनके 75वें जन्मदिन पर लॉन्च हुई. किरमानी का वादा है कि उनकी किताब में उनके शानदार करियर से जुड़ी कई ऐसी ही दिल को छू लेने वाली और दिलचस्प घटनाओं है, जो 80 के दशक में क्रिकेट के बारे में अंदरूनी जानकारी देती हैं.

सैयद किरमानी की बुक लॉन्च के दौरान भारतीय क्रिकेटर्स
किरमानी ने किताब को लेकर कहा,"हर कोई अच्छे, बुरे, उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुजरता है - यह मेरी ज़िंदगी की अनकही कहानी है. बिना किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के सच्ची बातें."
किरमानी और उनके सह-लेखक देबाशीष सेनगुप्ता और दक्षेश पाठक के लिए आत्मकथा को तैयार करने में पांच साल लग गए. लंबे समय तक योजना बनाने के बाद, उनके पुराने दोस्तों और पूर्व साथियों ने इसे प्रकाशित करने के लिए अंतिम प्रेरणा दी. किरमानी ने किताब को लेकर कहा,"मैंने लगभग पांच से छह साल पहले अपना मन बना लिया था और मैं चीजों को नोट कर रहा था. आखिरकार, मेरे' 1983 टीम के साथियों कहा,'यार तुम खाली बोल रहे हो, किताब कब आ रही है?' और अब वह दिन लगभग आ गया है."
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