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This Article is From Jan 09, 2022

श्रीलंका बोर्ड इस बल्लेबाज को कर चुका है तीन बार निलंबित, अब सिर्फ 30 की उम्र में लिया टेस्ट से संन्यास

पिछले साल श्रीलंका के इंग्लैंड दौरे के दौरान जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के नियमों का उल्लंघन करने के लिए गुणातिलक, मेंडिस और डिकवेला पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था

श्रीलंका बोर्ड इस बल्लेबाज को कर चुका है तीन बार निलंबित, अब सिर्फ 30 की उम्र में लिया टेस्ट से संन्यास
यह हैरानी की बात है कि हाल ही में दो श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने सिर्फ 30 साल की उम्र में संन्यास ले लिया
कोलंबो:

श्रीलंकाई ही नहीं, पता नहीं अचानक से ही विश्व क्रिकेट में क्या हो रहा है कि खिलाड़ी 30 साल की उम्र में ही संन्यास ले रहे हैं. पहले क्विवंटन डिकॉक, फिर भनुका राजपक्षे और अब दनुष्का गुणातिलक. दोनों श्रीलंकाई बल्लेबाजों की उम्र लगभग तीस साल रही. बस संन्यास लेने की वजह जरूर अलग-अलग रही. श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने शनिवार को यह जानकारी दी. जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के उल्लंघन के लिए गुणातिलक, कुशल मेंडिस और निरोशन डिकवेला पर लगा एक साल का प्रतिबंध तुरंत प्रभव से हटाने के एक दिन बाद और 30 साल के एक अन्य बल्लेबाज भानुका राजपक्षे के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद गुणातिलक ने यह घोषणा की. गुणातिलक ने सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान लगाने के लिए 30 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. एसएलसी ने कहा कि यह बल्लेबाज अब सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान लगाएगा.

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गुणातिलक ने कहा कि उन्होंने सभी पहलुओं के विश्लेषण के बाद यह फैसला किया है. वह 2018 से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेले हैं. उन्होंने आठ टेस्ट में दो अर्धशतक की मदद से 299 रन बनाए हैं, जिसमें उनका शीर्ष स्कोर 61 रन रहा. गुणातिलक का सीमित ओवरों के क्रिकेट में रिकॉर्ड बेहतर है. उन्होंने 44 एकदिनी अंतरराष्ट्रीय मैचों में 36.19 के औसत से 1520 रन बनाने के अलावा 30 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 121.62 के स्ट्राइक रेट से 568 रन बनाए हैं.

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पिछले साल श्रीलंका के इंग्लैंड दौरे के दौरान जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के नियमों का उल्लंघन करने के लिए गुणातिलक, मेंडिस और डिकवेला पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था. इस प्रतिबंध में घरेलू क्रिकेट से छह महीने का निलंबन और लगभग 50 हजार डॉलर का जुर्माना भी शामिल था. गुणातिलक को अनुशासनात्मक कारणों से परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है. 2015 के अंत में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद से गुणातिलक को एसएलसी तीन बार निलंबित कर चुका है.

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