
हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खत्म हुई दो टेस्ट मैच में की सीरीज में ऑलाउंड प्रदर्शन करने वाले रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था. सीरीज जीतने में महान खिलाड़ी का दर्जा पा चुके इस ऑफ स्पिनर ने दोनों ही डिपार्टमेंटों में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी. इस प्रदर्शन के बूते वह करियर में अश्विन ने 11वीं बार प्लेयर ऑफ द सीरीज जीतकर श्रीलंकाई लीजेंड मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी. हालांकि, अब एक अग्रणी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार यह अश्विन का रिकॉर्ड ब्रेकिंग अवार्ड होना चाहिए था, लेकिन बड़ी प्रशासकीय गलती के कारण अश्विन 2023 में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवार्ड नहीं पा सके थे.
पिछले साल भारत ने विंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी और इसमें वह 1-0 से जीतने में सफल रहा था. इस सीरीज में अश्विन 15 विकेट चटकाकर स्टार परफॉरमर थे. और यह भारतीय स्पिनर प्लेयर ऑफ द सीरीज के लिए प्रबल दावेदारों में से एक थे, लेकिन दूसरे टेस्ट की समाप्ति के बाद उन्हें यह अवार्ड नहीं दिया गया.
अगर अश्विन को यह अवार्ड मिलता, तो वह तभी मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेते और बांग्लादेश के खिलाफ यह उनका रिकॉर्ड ब्रेकिंग अवार्ड होता, जो अपने आप में विश्व रिकॉर्ड होता. वैसे इस चूक पर विंडीज बोर्ड ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से भारतीय एजेंसी पर थी. हालांकि, एंजेंसी ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी सीरीज के केवल व्यावसायिक पहलुओं तक सीमित थी. प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार की समीक्षा का काम विंडीज बोर्ड का था.
बहरहाल, एक बात साफ है कि यह अवार्ड अश्विन के हाथों से बचने नहीं जा रहा. इसी महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू होगा. और जैसा प्रदर्शन अश्विन ने हालिया सीरीज में किया है, उसे देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि वह दिन ज्यादा दूर नहीं है, जब अश्विन के हाथों में 12वीं बार प्लेयर ऑफ द मैच की ट्रॉफी चमचमाएगी. बांग्लादेश के बाद भारत ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलेगा, तो साफ है कि भारतीय ऑफ स्पिनर के पास खासा समय है.
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