चेन्नई:
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक जड़ने से आत्मविश्वास से भरे मनोज तिवारी ने कहा कि आगामी टेस्ट शृंखला में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों के सामने सघंर्ष करना पड़ सकता है। भारत-ए की तरफ से मैच में 129 रन बनाने वाले तिवारी ने कहा, उनके लिए काफी मुश्किल होगा। उनकी तकनीक का आज खुलासा हो गया। उनका रक्षण अच्छा नहीं है। यदि वे इसी तरह से खेलते हैं तो उनके लिए मुश्किल होगी।
उन्होंने कहा, यदि वे भज्जी पा (हरभजन सिंह) रविचंद्रन अश्विन और प्रज्ञान ओझा जैसे कुशल स्पिनरों का सामना करते हैं तो फिर उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना होगा। तिवारी ने कहा, उन्हें हमारे स्पिनरों को जिस तरह से खेलना चाहिए था वैसा नहीं खेल पाए। जहां तक स्पिनरों का सामना करने का सवाल है तो उनकी तकनीक अच्छी नहीं है। ईमानदारी से कहूं तो उनकी रक्षात्मक तकनीक अच्छी नहीं है। इसलिए वे स्पिनरों को अच्छी तरह से नहीं खेल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उपमहाद्वीप की परिस्थितियां विशेषकर पिचों से ऑस्ट्रेलिया को चार टेस्ट मैचों की शृंखला में परेशानी होगी।
तिवारी ने कहा, यह पिच धीमी है और इसलिए उनके तेज गेंदबाजों को इससे मदद नहीं मिली। वह रिवर्स स्विंग करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने पैड को निशाना बनाया। यदि उन्हें इसी तरह के विकेट मिलते हैं तो उनके गेंदबाजों को लिए मुश्किल होगी।
उन्होंने कहा, मुझे चुनौतियां पसंद है। मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं। टीम प्रबंधन मुझे जिस क्रम में भी बल्लेबाजी के लिए कहेगा मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं मध्यक्रम का बल्लेबाज हूं, लेकिन इसके बावजूद यदि मुझे एक या नंबर दो पर बल्लेबाजी के लिए कहा जाता है तो ऐसा करूंगा। आपको नई गेंद खेलनी पड़ेगी। यह मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं। तिवारी ने कहा, मेरा सपना भी टेस्ट क्रिकेट खेलना है। अब चयनकर्ताओं को फैसला करना है। मेरा काम रन बनाना है और जब तक मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलता रहूंगा तब तक ऐसा करूंगा।
उन्होंने कहा, यदि वे भज्जी पा (हरभजन सिंह) रविचंद्रन अश्विन और प्रज्ञान ओझा जैसे कुशल स्पिनरों का सामना करते हैं तो फिर उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना होगा। तिवारी ने कहा, उन्हें हमारे स्पिनरों को जिस तरह से खेलना चाहिए था वैसा नहीं खेल पाए। जहां तक स्पिनरों का सामना करने का सवाल है तो उनकी तकनीक अच्छी नहीं है। ईमानदारी से कहूं तो उनकी रक्षात्मक तकनीक अच्छी नहीं है। इसलिए वे स्पिनरों को अच्छी तरह से नहीं खेल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उपमहाद्वीप की परिस्थितियां विशेषकर पिचों से ऑस्ट्रेलिया को चार टेस्ट मैचों की शृंखला में परेशानी होगी।
तिवारी ने कहा, यह पिच धीमी है और इसलिए उनके तेज गेंदबाजों को इससे मदद नहीं मिली। वह रिवर्स स्विंग करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने पैड को निशाना बनाया। यदि उन्हें इसी तरह के विकेट मिलते हैं तो उनके गेंदबाजों को लिए मुश्किल होगी।
उन्होंने कहा, मुझे चुनौतियां पसंद है। मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं। टीम प्रबंधन मुझे जिस क्रम में भी बल्लेबाजी के लिए कहेगा मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं मध्यक्रम का बल्लेबाज हूं, लेकिन इसके बावजूद यदि मुझे एक या नंबर दो पर बल्लेबाजी के लिए कहा जाता है तो ऐसा करूंगा। आपको नई गेंद खेलनी पड़ेगी। यह मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं। तिवारी ने कहा, मेरा सपना भी टेस्ट क्रिकेट खेलना है। अब चयनकर्ताओं को फैसला करना है। मेरा काम रन बनाना है और जब तक मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलता रहूंगा तब तक ऐसा करूंगा।
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