हितों के टकराव मामले में नोटिस मिलने के बाद कपिल देव ने CAC प्रमुख पद से इस्तीफा दिया: रिपोर्ट

हितों के टकराव मामले में नोटिस मिलने के बाद कपिल देव ने CAC प्रमुख पद से इस्तीफा दिया: रिपोर्ट

Kapil Dev के नेतृत्व वाली CAC ने रवि शास्त्री को फिर से टीम इंडिया का कोच चुना था

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और महान हरफनमौला कपिल देव (Kapil Dev)ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)की क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC)के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है. बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन (Ethics officer DK Jain)की ओर से हितों के टकराव ( Conflict Of Interest)मामले में कपिल और समिति के दो अन्य सदस्यों अंशुमन गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) और शांता रंगास्वामी (Shantha Rangaswamy) को नोटिस जारी किए जाने के बाद यह फैसला सामने आया है. गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान और समिति की सदस्य शांता रंगास्वामी ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. " The Indian Express के अनुसार कपिल देव (Kapil Dev) ने अपने ई-मेल में लिखा है, 'भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच को चुनने वाली Ad-Hoc CAC का हिस्सा रहना खुशी की बात रही. मैं तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे रहा हूं.'

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गौरतलब है कि शनिवार को बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर ने CAC को नोटिस जारी किया था. मामले में हितों का टकराव मामले में समिति के सदस्यों से 10 अक्टूबर तक जवाब मांगा गया था. मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने सीएसी के तीनों सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स ने भारतीय टीम के कोच के रूप में हाल ही में रवि शास्त्री को फिर से चुना है. बीसीसीआई (BCCI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक समय से एक से अधिक पद पर नहीं रह सकता है.


इससे पहले शांता रंगास्वामी ने CAC सदस्य के पद से इस्तीफा देते हुए कहा था, 'मेरे पास और भी योजनाएं हैं. इसलिए मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया है.' रंगास्वामी ने रविवार सुबह ही बीसीसीआई (BCCI) को मेल के जरिए अपना इस्तीफा भेजा था. उन्होंने लिखा था कि जहां तक सीएसी की मीटिंग की बात है, तो इसकी बैठक साल में एक या दो बार होती थी. ऐसे में मुझे हितों का टकराव समझ में नहीं आता. उन्होंने कहा कि सीएसी का सदस्य होना एक सम्मान की बात थी. और वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए किसी काबिल पूर्व क्रिकेटर का किसी भी प्रशासकीय पद से जुड़ पाना बहुत ही मुश्किल बात है.

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