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This Article is From Oct 11, 2016

INDvsNZ : आर अश्विन को मैन ऑफ द सीरीज, झटके 27 विकेट, टीम इंडिया ने 3-0 से क्लीन स्वीप किया

INDvsNZ : आर अश्विन को मैन ऑफ द सीरीज, झटके 27 विकेट, टीम इंडिया ने 3-0 से क्लीन स्वीप किया
चेतेश्वर पुजारा ने दूसरी पारी में करियर का आठवां शतक लगाया (फाइल फोटो)
इंदौर: विजयादशमी के अवसर पर टीम इंडिया ने इंदौर में न्यूजीलैंड पर जबर्दस्त जीत दर्ज करके फैन्स को शानदार तोहफा दिया. उसने सीरीज के तीसरे टेस्ट में कीवी टीम को 321 रन के विशाल अंतर से हराया. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने होलकर स्टेडियम में 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में कीवी टीम को 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया और वर्ल्ड नंबर वन टीम के स्थान को बरकरार रखा और विराट कोहली को आईसीसी की ओर से आधिकारिक रूप से टेस्ट चैम्पियनशिप गदा सौंपी गई. गौरतलब है कि भारत कोलकाता टेस्ट में जीत के साथ ही नंबर वन बन गया था. न्यूजीलैंड टीम को जीत के लिए 475 रन बनाने थे, लेकिन वह 153 रन पर ही सिमट गई. टीम इंडिया की ओर से दूसरी पारी में आर अश्विन ने 59 रन देकर 7 विकेट, तो रवींद्र जडेजा ने 2 और उमेश यादव ने एक विकेट चटकाया. इंदौर टेस्ट की दोनों पारियों को मिलाकर अश्विन ने कुल 13 विकेट चटकाए. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.

मैन ऑफ द सीरीज अश्विन, कुल 27 विकेट
अश्विन के नाम इस सीरीज में 27 विकेट रहे, वहीं उन्होंने छठी बार किसी टेस्ट में 10 या अधिक विकेट हासिल किए. उन्होंने कानपुर टेस्ट में 10 विकेट, तो कोलकाता टेस्ट में 4 विकेट चटकाए थे और इंदौर टेस्ट में 13 विकेट अपने नाम करके मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी जीत लिया.

पाकिस्तान को पछाड़कर टीम इंडिया वर्ल्ड नंबर वन
पाकिस्तान को पछाड़कर आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन बनने के लिए टीम इंडिया को इस सीरीज में 2-0 या 3-0 से जीत की जरूरत थी. उसने कोलकाता टेस्ट में न्यूजीलैंड पर जीत के साथ ही नंबर वन रैंकिंग हासिल कर ली थी, लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए उसे इंदौर टेस्ट मैच को ड्रॉ खेलना या जीतना जरूरी था. भारत ने इंदौर में शानदार जीत दर्ज करके नंबर वन रैंकिंग बरकरार रखी और मैच के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने विराट कोहली को टेस्ट चैम्पियनशिप गदा सौंपी.

4 साल में तीसरा क्लीन स्वीप
पिछले 4 साल के दौरान देखें, तो टीम इंडिया का यह तीसरा क्लीन स्वीप रहा. टीम इंडिया ने 2012-13 में ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद अगले सत्र में वेस्टइंडीज का सफाया किया था. फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी पिछले साल यह कारनामा लगभग दोहरा ही दिया था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी.

विराट की कप्तानी में लगातार चौथी सीरीज जीती
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार चौथी टेस्ट सीरीज जीती है. इससे पहले एमएस धोनी के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती है.

ऐसे धराशायी हुई कीवी टीम...
भारत को पहली सफलता तेज गेंदबाज उमेश यादव ने दिलाई. यादव ने टॉम लाथम को 6 रन पर पगबाधा आउट किया. लाथम ने पहली पारी में फिफ्टी बनाई थी और गप्टिल के साथ 118 रनों की साझेदारी की थी, लेकिन दूसरी पारी में वह सस्ते में चलते बने. पहली पारी में 6 विकेट लेने वाले आर अश्विन ने कीवियों को दूसरा झटका दिया और उनके कप्तान केन विलियम्सन (27) को सीरीज में चौथी बार पैवेलियन लौटाया. विलियम्सन ने गप्टिल के साथ 35 रन जोड़े. अश्विन ने जल्दी ही अपनी दूसरी सफलता भी हासिल कर ली और टीम इंडिया को 80 के स्कोर पर तीसरा विकेट दिला दिया. उन्होंने आक्रामक अंदाज में खेल रहे रॉस टेलर को 32 रन पर बोल्ड किया. टेलर ने 25 गेंदों का सामना किया और 5 चौके व एक छक्का लगाया. भारत को चौथी सफलता भी अश्विन की गेंद से मिली, जब ल्यूक रॉन्ची 15 रन पर बोल्ड हो गए. उस समय कीवी टीम का स्कोर 102 रन था. अश्विन ने अपना चौथा विकेट मिचेल सैंटनर (14) को बोल्ड कर लिया. न्यूजीलैंड का आठवां विकेट जीतन पटेल के रूप में गिरा, जो अश्विन का पांचवां विकेट रहा. अश्विन ने मैट हेनरी (0) के रूप में छठा विकेट झटका. नौवां विकेट मैट हेनरी का रहा, जिन्हें अश्विन ने अपना छठा शिकार बनाया. अंतिम और दसवें विकेट के रूप में अश्विन ने ट्रेंट बोल्ट को पैवेलियन भेजा, जो उनके सातवें शिकार बने. 


इंदौर टेस्ट की दूसरी पारी में आर अश्विन ने 7 विकेट चटकाए (फाइल फोटो)

रिकॉर्ड बुक से-
  • टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के सामने 475 रन का जो लक्ष्य रखा, वह उसका छठा बड़ा लक्ष्य रहा. सबसे बड़ा लक्ष्य उसने न्यूजीलैंड के ही खिलाफ 2008-09 में वेलिंगटन में 617 रन का रखा था.
  • तीन टेस्ट मैच या इससे कम की सीरीज में चेतेश्वर पुजारा भारत के ऐसे तीसरे बल्लेबाज हैं, जिसने 50 से अधिक की 4 पारियां खेली हैं. दो अन्य खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ (पाकिस्तान के खिलाफ- 1982-83 में) और राहुल द्रविड़ (न्यूजीलैंड के खिलाफ- 2008-09) हैं. 
  • चेतेश्वर पुजारा ने जहां करियर का आठवां शतक लगाया, वहीं घरेलू मैदान पर उनका यह छठा शतक है. न्यूजीलैंड के विरुद्ध पुजारा ने इसे मिलाकर दो टेस्ट शतक लगा दिए हैं, वहीं किसी टेस्ट की दूसरी पारी में भी यह उनका दूसरा शतक रहा.
  • आर अश्विन टीम इंडिया के ऐसे दूसरे गेंदबाज बन गए हैं, जिसने एक टेस्ट सीरीज में दो बार 10 या अधिक विकेट लिए हैं. उनसे पहले हरभजन सिंह ने 2000-01 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी.
 
पुजारा का शतक, टीम इंडिया ने रखा बड़ा लक्ष्य
भारत ने चौथे दिन दूसरी पारी लंच के बाद 3 विकेट पर 216 रन बनाकर घोषित कर दी. उसकी कुल बढ़त 474 रन रही. चेतेश्वर पुजारा (101 रन, 9 चौके) और अजिंक्य रहाणे (23) नाबाद लौटे. चेतेश्वर पुजारा ने करियर का आठवां टेस्ट शतक लगाया. उनसे पहले गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 6 चौकों की मदद से अपनी 22वीं फिफ्टी बनाई थी.

टीम इंडिया - विकेट पतन : 1/34 (मुरली विजय- 19 रन), 2/110 (गौतम गंभीर- 50 रन), 3/158 (विराट कोहली-17)
सुबह टीम इंडिया के स्कोर में 16 रन ही जुड़े थे कि मिचेल सैंटनर की गेंद पर मुरली विजय (19) रन लेने के लिए दौड़ पड़े और आधी पिच तक निकल गए, इस बीच पुजारा उनको लौटने के लिए चिल्लाते रहे, विजय वापस लौटे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और रनआउट हो गए. गंभीर ने 50 रनों की तेज पारी खेली, लेकिन अतिउत्साह में विकेट गंवा बैठे. उन्हें जीतन पटेल की गेंद पर मार्टिन गप्टिल ने लपका. गंभीर ने शुरू से ही तेज खेलना शुरू किया था और कई आकर्षक शॉट खेले. उन्होंने पुजारा के साथ 75 रनों की भागीदारी की. हालांकि, वह तीसरे दिन दूसरी पारी में बल्लेबाजी के दौरान वह 6 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे. उन्होंने पहली पारी में भी अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन 29 रन पर ही आउट हो गए थे.
पहली पारी के दोहरे शतकवीर क्पतान विराट कोहली 17 रन बनाकर ही लौट गए. उन्हें जीतन पटेल ने पगबाधा आउट किया.

तीसरे दिन का अपडेट : आर अश्विन की फिरकी में फंसे कीवी
तीसरे दिन टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन की फिरकी का कमाल देखने को मिला. जहां पहले और दूसरे दिन कीवी टीम के स्पिनरों को पिच से कोई मदद मिलती नहीं दिख रही थी, वहीं तीसरे दिन आर अश्विन ने अपनी स्पिन गेंदबाजी का खूबसूरत नमूना पेश किया. उन्होंने 27.2 ओवर में 81 रन देकर 6 विकेट चटकाए, जबकि दूसरे स्पिनर रवींद्र जडेजा ने दो विकेट अपने नाम किए. अश्विन ने अपने टेस्ट करियर में 20वीं बार एक पारी में 5 या अधिक विकेट लिए हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ एक पारी में 5 बार 5 या अधिक विकेट लिए हैं. रवींद्र जडेजा को दो विकेट मिले. टीम इंडिया के पहली पारी के 557 रनों के जवाब में न्यूजीलैंड की पहली पारी चायकाल के बाद 299 रन पर सिमट गई. इस प्रकार टीम इंडिया को पहली पारी के आधार पर 258 रन की बढ़त हासिल हुई. भारत के पास फॉलोऑन खिलाने का मौका था, लेकिन मैच में अभी दो दिन बचे होने और गेंदबाजों की थकान के कारण कप्तान कोहली ने फिर से बल्लेबाजी का फैसला किया. कीवी टीम की ओर से मार्टिन गप्टिल ने 72, टॉम लाथम ने 53 और जेम्स नीशाम ने 71 रन की पारी खेली.

3 साल बाद विदेशी ओपनरों की शतकीय साझेदारी
भारतीय धरती पर 3 साल बाद विदेशी ओपनरों ने शतकीय साझेदारी निभाई. मार्टिन गप्टिल और टॉम लाथम के बीच हुई 118 रनों की भागीदारी से पहले ऑस्ट्रेलिया के एड कोवान और डेविड वॉर्नर ने 2013 में मोहाली टेस्ट में ऐसा किया था. इस मैच में टीम इंडिया ने टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना तीसरा सबसे बड़ा स्कोर 557 रन भी बनाया. भारत का कीवी टीम के खिलाफ सर्वोच्च स्कोर 7 विकेट पर 583 रन है, जो उसने अहमदाबाद में 1999-00 में बनाया था, जबकि दूसरा बड़ा स्कोर 566/8 नागुपर में 210-11 में खड़ा किया था.

टीम इंडिया पर लगी पेनल्टी, कीवी टीम को मिले 5 अतिरिक्त रन
भारतीय बल्लेबाजी के दौरान कीवी टीम को 5 रन अतिरिक्त दिए गए, क्योंकि रवींद्र जडेजा ने बल्लेबाजी के दौरान पिच के डेंजर एरिया में दौड़ लगा दी. उन्होंने ऐसा 4 बार किया और उन्हें 2 आधिकारिक चेतावनी मिली, जिससे अंपायर ने 5 रन की पेनल्टी लगा दी. इस प्रकार न्यूजीलैंड ने 0 की बजाय 5 रन से अपनी पारी की शुरुआत की.

दूसरा दिन : कोहली ने जमाया करियर का दूसरा दोहरा शतक
दिन के खेल का आकर्षण विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी रही. कप्तान विराट कोहली (211 रन, 366 गेंदें, 20 चौके) को स्पिनर जीतन पटेल ने पगबाधा आउट किया. इसके बाद दूसरे शतकवीर अजिंक्य रहाणे भी 188 रन की शानदार पारी खेलकर पैवेलियन लौट गए. उन्होंने 18 चौके, 4 छक्के लगाए. कोहली ने टेस्ट करियर का दूसरा टेस्ट शतक लगाया. उन्होंने इसी साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड में पहला दोहरा शतक लगाया था. इसी के साथ वह कप्तान के रूप में दो दोहरे शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए. भारतीय टेस्ट इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ, जब चौथे और पांचवें नंबर के बल्लेबाजों ने 150 से अधिक का स्कोर बनाया है. इससे पहले सचिन तेंदुलकर (241*) और वीवीएस लक्ष्मण (178) ने 2003-04 में सिडनी में ऐसा किया था. कीवी टीम के जीतन पटेल और ट्रेंट बोल्ट ने 2-2 विकेट लिए, जबकि मिचेल सैंटनर ने एक विकेट लिया.

कोहली-रहाणे के बीच 365 रन की साझेदारी हुई. दोनों ने चौथे विकेट के लिए साझेदारी का भारतीय रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. इससे पहले सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने इसी विकेट के लिए सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी, 2004 में 353 रन जोड़े थे. अजिंक्‍य रहाणे ने करियर के आठवें शतक के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 2000 रन भी पूरे कर लिए. उनसे पहले भारत के 35 बल्लेबाज यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. वैसे टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे तेज कम पारियों में 2000 रन बनाने के मामले में वे भारत में 10वें स्‍थान पर हैं. अजिंक्‍य ने 49 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की है. भारत के लिए सबसे कम पारियों में 2000 रन पूरा करने का रिकॉर्ड संयुक्‍त रूप से वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ (40 पारियां) के नाम पर है.
 
विराट कोहली ने कप्तान के रूप में दूसरा दोहरा शतक लगाया (फाइल फोटो)

पहला दिन : कोहली का भारत में पहला कप्तानी शतक
टीम इंडिया ने टॉस जीतने के बाद पहले बैटिंग का फैसला किया. पहले दिन की उपलब्धि कप्तान विराट कोहली का 13वां टेस्ट शतक रहा. उन्होंने मुश्किल समय पर धैर्य से खेलते हुए 184 गेंदों में अपना 13वां टेस्ट शतक जमाया. अजिंक्य रहाणे ने 3 विकेट गिरने के बाद उनका बखूबी साथ दिया और 123 गेंदों में 10वीं फिफ्टी बनाई. कोहली-रहाणे के बीच 167 रन की नाबाद शतकीय साझेदारी हुई. टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान कोहली ने भारतीय धरती पर 3 साल बाद टेस्ट शतक लगाया. यह कप्तान के रूप में भी देश की धरती पर उनका पहला शतक रहा. आखिरी बार उन्होंने 22 फरवरी 2013 को ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ चेन्‍नई में 107 रन बनाए थे.

भारतीय पारी की शुरुआत गौतम गंभीर और मुरली विजय ने की. टीम इंडिया ने 26 रन ही जोड़े थे कि मुरली विजय (10) विकेट गंवा बैठे. इसके बाद टीम में 2 साल बाद वापसी करने वाले गंभीर ने कुछ अच्छे शॉट खेले. दो छक्के भी लगाए, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल सके और 29 रन बनाकर चलते बने. आउट होने वे पहले उन्होंने पुजारा के साथ 34 रन जोड़े. भारत ने 60 रन पर ही दो विकेट खो दिए थे. सीरीज में 3 फिफ्टी लगा चुके चेतेश्वर पुजारा से बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह चौथी फिफ्टी लगाने से ही चूक गए और 41 रन पर स्पिनर मिचेल सैंटनर की गेंद पर बोल्ड हो गए. 100 के स्कोर पर तीसरा विकेट गिरा. विराट कोहली ने पहले चेतेश्वर पुजारा के साथ तीसरे विकेट के लिए 40 रन की साझेदारी की, फिर टीम इंडिया को मुश्किल दौर में संभालते हुए अजिंक्य रहाणे के साथ उन्होंने शतकीय साझेदारी की और संकट में दिख रही टीम को उबारते हुए 3 विकेट पर 267 रन तक पहुंचा दिया.

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