
जारी टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) में शनिवार को जैसी खिताबी फाइनल टक्कर दक्षिण अफ्रीका और भारत (India vs South Afirca) के बीच देखने को मिली, वैसा रोमांच शायद टी20 के साल 2007 में उदघाटक संस्करण में ही देखने को मिला था. जब टीम इंडिया वापस लौटी, तो मुंबई की सड़कों पर नजारा देखने लायक था. और कुछ ऐसा ही ही अब भी होने जा रहा है. बहराल, एक समय 15 ओवर के बाद दक्षिण अफ्रीका का स्कोर चार विकेट पर 147 रन था. और यहां से सभी ने यह मान लिया था कि भारत के हाथ से विश्व कप छिटक गया. वजह साफ थी क्योंकि दक्षिण अफ्रीका को विश्व कप पर कब्जा करने के लिए तीस गेंदों पर इतने ही रनों की दरकार थी. एक समय ऐसा आया, जब दक्षिण अफ्रीका को 24 गेंदों पर 26 रन बनाने थे और उसके हाथ में छह विकेट शेष थे, लेकिन यहां से मानो बड़ा चमत्कार हुआ. और यह चमत्कार आया मैच के दो सबसे सबसे बड़े टर्निंग प्वाइंट के रूप में जिसके बूते भारत ने दक्षिण अफ्रीका के जबड़े से एक तय विश्व कप जीत छीन ली. चलिए आप ये चमत्कार भरे दो सबगे टर्निंग प्वाइंट के बारे में जान लें
16.1 ओवर: पहला सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट
क्लासेन ने 26 गेंदों पर 52 रन बनाकर मानो खिताबी जीत को औपचारिक बना दिया था, लेकिन 27वीं गेंद उन पर भारी पड़ी. क्लासेन ऑफ स्टंप के बाहर हार्दिक की गेंद पर शॉट खेलने गए, तो विकेट के पीछे पंत को कैच थमा बैठे. दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदों को पलीता लग चुका था. और क्लासेन का आउट होना टीम इंडिया की खिताबी जीत का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट बन गया.
19.1: ओवर: दूसरा सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट
मैच का दूसरा सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी हार्दिक पांड्या ने दिया. और यह आया पारी आखिरी ओवर की पहली गेंद पर. इस ओवर में दक्षिण अफ्रीका की जीत मुश्किल थी, लेकिन एक छोर पर 17 गेंदों पर 21 रन बनाकर डेविड मिलर जैसा बल्लेबाज जमा हुआ था, तो यह संभव थी. पांड्या की पहली ही गेंद पर मिलर ने प्रचंड शॉट लगाया, लेकिन सूर्यकुमार ने लांग-ऑफ पर हमेशा यादों में बस जाने वाला कैच लपक कर मिलकर की पारी का अंत किया, जो भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ, जिसने टीम इंडिया के लिए विश्व कप सुनिश्चित कर दिया.
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