टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली
कोलंबो:
क्या सचमुच आक्रामक कप्तान हैं विराट कोहली? उम्मीद की जा रही थी कि श्रीलंका के खिलाफ कोहली चायकाल के बाद पारी घोषित कर देंगे। तब तक भारत को 370 रनों की बढ़त मिल चुकी थी। ऐसा भी नहीं था कि पुछल्ले बल्लेबाज तेजी से रन जोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
चायकाल के बाद भारतीय टीम 9 ओवर तक बल्लेबाजी करती रही और 42 रन जोड़े। 8 विकेट पर 325 के स्कोर पर आखिरकार कोहली ने पारी घोषित की। श्रीलंका को 413 रन के अंदर आउट करने के लिए भारतीय गेंदबाजों को 117 ओवर मिले हैं वो भी मौसम की मेहरबानी रही तब। विराट ने कप्तान बनते ही कहा था कि वे जीतने के लिए जोखिम उठाएंगे। जीत की कोशिश में हार भी हो जाए तो वो मंजूर होगा। वे और उनकी टीम आक्रामक क्रिकेट खेलेगी। कहना आसान है और उस पर अमल करना अलग बात है। महेंद्र सिंह धोनी की तरह कोहली ने भी पारी घोषित करने में समय लिया।
टीम मैनेजमेंट ने किया हैरान
देर से पारी घोषित करने के अलावा भारतीय टीम मैनेजमेंट का एक और फैसला हैरान करने वाला था। ऋद्धिमान साहा फिट नहीं थे तो उनसे दूसरी पारी में बल्लेबाजी क्यों करायी गयी। साहा को दायीं तरफ हैमस्ट्रिंग हो गई है। दूसरी पारी में उनकी जगह लोकेश राहुल को विकेटकीपिंग करनी पड़ रही है। दूसरी पारी में गेंदबाजी शुरू करने के पहले टीम की हर्डल में डायरेक्टर रवि शास्त्री और सहायक कोच भरत अरुण भी शामिल हुए। अमूमन मैनेजमेंट स्टाफ इस हर्डल में शामिल नहीं होता। कप्तान खिलाड़ियों को रणनीति समझाता है। तो क्या रवि शास्त्री फ़ैसले ले रहे हैं?
अलविदा संगा
आखिकार 37 साल के कुमार संगकारा दुनिया के पांचवें सबसे सफल बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग, जैक कैलिस और राहुल द्रविड़ के बाद टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में संगकारा पांचवें स्थान पर हैं। इनमें संगकारा का औसत सबसे अच्छा है। अपनी आखिरी पारी में श्रीलंका के सबसे सफल क्रिकेटर सिर्फ 18 रन बना पाए।
पैवेलियन में अपने पति की आखिरी पारी देख रही येहाली संगकारा थोड़ी मायूस जरूर लगीं लेकिन कुमार के चेहरे पर संतोष और सुकून नज़र आया। संगकारा का टेस्ट रिकॉर्ड रहा - 134 मैच, औसत 57.40, रन 12400, शतक 38 और अर्धशतक 52। वहीं 15 साल के करियर के दौरान संगा ने 404 वनडे में करीब 42 की औसत से 14,234 रन बनाए जिसमें 25 शतक और 93 अर्धशतक शामिल हैं। कुमार संगकारा को शायद उतनी शोहरत नहीं मिली जितने के वे हकदार हैं।
चायकाल के बाद भारतीय टीम 9 ओवर तक बल्लेबाजी करती रही और 42 रन जोड़े। 8 विकेट पर 325 के स्कोर पर आखिरकार कोहली ने पारी घोषित की। श्रीलंका को 413 रन के अंदर आउट करने के लिए भारतीय गेंदबाजों को 117 ओवर मिले हैं वो भी मौसम की मेहरबानी रही तब। विराट ने कप्तान बनते ही कहा था कि वे जीतने के लिए जोखिम उठाएंगे। जीत की कोशिश में हार भी हो जाए तो वो मंजूर होगा। वे और उनकी टीम आक्रामक क्रिकेट खेलेगी। कहना आसान है और उस पर अमल करना अलग बात है। महेंद्र सिंह धोनी की तरह कोहली ने भी पारी घोषित करने में समय लिया।
टीम मैनेजमेंट ने किया हैरान
देर से पारी घोषित करने के अलावा भारतीय टीम मैनेजमेंट का एक और फैसला हैरान करने वाला था। ऋद्धिमान साहा फिट नहीं थे तो उनसे दूसरी पारी में बल्लेबाजी क्यों करायी गयी। साहा को दायीं तरफ हैमस्ट्रिंग हो गई है। दूसरी पारी में उनकी जगह लोकेश राहुल को विकेटकीपिंग करनी पड़ रही है। दूसरी पारी में गेंदबाजी शुरू करने के पहले टीम की हर्डल में डायरेक्टर रवि शास्त्री और सहायक कोच भरत अरुण भी शामिल हुए। अमूमन मैनेजमेंट स्टाफ इस हर्डल में शामिल नहीं होता। कप्तान खिलाड़ियों को रणनीति समझाता है। तो क्या रवि शास्त्री फ़ैसले ले रहे हैं?
अलविदा संगा
आखिकार 37 साल के कुमार संगकारा दुनिया के पांचवें सबसे सफल बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग, जैक कैलिस और राहुल द्रविड़ के बाद टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में संगकारा पांचवें स्थान पर हैं। इनमें संगकारा का औसत सबसे अच्छा है। अपनी आखिरी पारी में श्रीलंका के सबसे सफल क्रिकेटर सिर्फ 18 रन बना पाए।
पैवेलियन में अपने पति की आखिरी पारी देख रही येहाली संगकारा थोड़ी मायूस जरूर लगीं लेकिन कुमार के चेहरे पर संतोष और सुकून नज़र आया। संगकारा का टेस्ट रिकॉर्ड रहा - 134 मैच, औसत 57.40, रन 12400, शतक 38 और अर्धशतक 52। वहीं 15 साल के करियर के दौरान संगा ने 404 वनडे में करीब 42 की औसत से 14,234 रन बनाए जिसमें 25 शतक और 93 अर्धशतक शामिल हैं। कुमार संगकारा को शायद उतनी शोहरत नहीं मिली जितने के वे हकदार हैं।
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