NDTV उन नेटवर्क्स में है, जिन्होंने TRP रेटिंग्स में शामिल न होने का फ़ैसला किया है, जो बीते कुछ महीनों के लिए जल्द ही रिलीज़ की जाने वाली हैं. इस दौरान रेटिंग्स की प्रक्रिया में भयावह अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की वजह से रेटिंग्स को 'ब्लैक आउट' रखा गया - यानी सार्वजनिक नहीं किया गया.
NDTV इस बात के सबसे प्रारंभिक और बड़े पक्षधरों में रहा है कि इस गंदे राज़ (अफ़सोस कि बिल्कुल खुले राज़) की सफ़ाई की जाए : यह ऐसी रेटिंग्स व्यवस्था है, जो हर चैनल की बाज़ार में हिस्सेदारी को ग़लत ढंग से प्रस्तुत कर विज्ञापनदाताओं और उनकी एजेंसियों को गुमराह करती है.
अरसे से, TRP के साथ इस छेड़छा़ड और ख़रीद-फ़रोख़्त ने कुछ चैनलों और समूहों की सामग्री तय करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, उपभोक्ताओं को विभिन्न चैनलों को देखने वाले दर्शकों के आकार-प्रकार को लेकर फ़र्ज़ी ख़बर दी जाती रही, इस फ़र्ज़ी ख़बर के आधार पर उनका पैसा ग़लत ढंग से आवंटित होता रहा है.
रेटिंग्स तैयार करने वाले संगठन बार्क को यह अच्छे से पता है कि क्या किया जाना चाहिए और उसे अपनी कारगुज़ारी की ठीक से साफ़-सफ़ाई कर यह लक्ष्य पूरा करना चाहिए.