पिछले महीने भारतीय रुपया अपने सार्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था. पिछले हफ्ते के बाद कारोबारी सत्रों में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी के आसार का डर और ट्रेजरी यील्ड में तेजी के बीच आज मंगलवार को भारतीय मुद्रा एक महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई. विदेशी कोषों के प्रवाह और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से आज शुरुआती कारोबार में रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 78.94 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. 1 जुलाई, 2022 को रुपये का मूल्य 78.95 प्रति डॉलर दर्ज हुआ था.
डीलरों ने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से भी रुपये को समर्थन मिला.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 78.96 प्रति डॉलर पर मजबूती के साथ खुला. बाद में यह 12 पैसे की बढ़त के साथ 78.94 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.06 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
छह मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती का आकलन करने वाला डॉलर सूचना 0.22 प्रतिशत गिरकर 105.21 पर आ गया.
बता दें कि 20 जुलाई को रुपया रिकॉर्ड गिरावट के बीच पहली बार 80 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था. आशंका जताई जा रही थी कि रुपया 82 प्रति डॉलर पर जा सकता है, लेकिन इसके बाद से रुपये ने सुधार दर्ज किया है.
सोमवार को बीएनपी परिबा में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा था कि निवेशकों के जोखिम लेने की धारणा में सुधार, कच्चे तेल की कीमत में गिरावट और डॉलर में कमजोरी आने के बीच रुपये की विनिमय दर में मजबूती आई है. उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि रुपये में मिला-जुला रुख रहेगा. विदेशी पूंजी की आवक बढ़ने और कच्चे तेल में गिरावट आने से भी रुपये को समर्थन मिलेगा. हालांकि वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति से जुड़ी आशंकाएं इस मजबूती पर लगाम लगा सकती हैं."
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