भारत के निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट रही। दिसंबर माह में निर्यात एक साल पहले के इसी माह के मुकाबले 14.75 प्रतिशत घटकर 22.2 अरब डालर रह गया। मुख्य तौर पर पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में भारी गिरावट के मद्देनजर निर्यात में गिरावट आई है। दिसंबर 2015 में सालाना आधार पर आयात में 3.88 प्रतिशत गिरावट आई है और यह 33.96 अरब डॉलर रहा।
इस दौरान हालांकि, सोने का आयात बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 11.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले दिसंबर 2014 में 9.17 अरब डॉलर रहा था। इससे पहले पिछले साल अगस्त में कुल व्यापार घाटा 12.47 अरब डॉलर था।
सोने का आयात दिसंबर में बढ़कर 3.80 अरब डॉलर हो गया, जो दिसंबर 2014 में 1.36 अरब डॉलर था। दिसंबर 2015 में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात सालाना स्तर पर 47.69 प्रतिशत घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया, जबकि लौह अयस्क का निर्यात 69.54 प्रतिशत घटकर 2.12 करोड़ डॉलर रहा।
दिसंबर 2015 में इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 15.68 प्रतिशत घटकर 5.82 अरब डॉलर रह गया, जबकि रत्न एवं आभूषण के निर्यात में 7.75 प्रतिशत की कमी आई। चालू वित्त वर्ष 2015-16 की अप्रैल से दिसंबर अवधि के दौरान कुल निर्यात 18.06 प्रतिशत घटकर 196.6 अरब डॉलर रह गया, जो 2014-15 के इन्हीं नौ महीनों में 239.9 अरब डॉलर रहा था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान आयात भी 15.87 प्रतिशत घटकर 295.8 अरब डॉलर रह गया, जिससे व्यापार घाटा भी कम होकर 99.2 अरब डॉलर रहा। अप्रैल से दिसंबर 2014-15 के दौरान व्यापार घाटा 111.68 अरब डॉलर रहा था।
निर्यात में लगातार गिरावट के मद्देनजर निर्यातकों के संगठन फियो ने कहा कि वैश्विक जिंसों और कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट से निर्यात आंकड़े प्रभावित हो रहे हैं।