
टाटा पॉवर सोलर (Tata Power Solar), रिन्यू फोटोवोल्टाइक (ReNew Photovoltaic) और अवाडा इलेक्ट्रो (Avaada Electro) जैसी भारतीय सौर मॉड्यूल विनिर्माता कंपनियों ने चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए वीज़ा आवेदन को मंज़ूरी देने के लिए सरकार से संपर्क किया है.
मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि जनवरी से अभी तक तीन कंपनियों ने अपने सौर मॉड्यूल विनिर्माण में सहायता के लिए चीन के 36 पेशेवरों के लिए 'बिज़नेस वीज़ा' दिलाने के लिए सरकार से सहायता मांगी है.
सूत्रों के मुताबिक, तीनों कंपनियों ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SECI) के पास आवेदन भेजे, जिन्हें SECI ने अपने मूल मंत्रालय - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय - को भेज दिया है. उन्होंने बताया कि आखिरी आवेदन इस सप्ताह दायर किया गया था.
इस संबंध में टाटा पॉवर सोलर, रिन्यू और अवाडा को भेजे गए ई-मेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
भारत ने वर्ष 2030 तक सूर्य की रोशनी और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से 500 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. वह उच्च-स्तरीय उपकरणों तथा प्रौद्योगिकी के लिए चीन से आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, जो सौर पैनल का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक है.
हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से और सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत में चीनी कर्मियों के प्रवेश पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों से परियोजनाओं के तय समयसीमा पर पूरा होने में संदेह है.
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