
अगर आपको खाने-पीने की चीजों की महंगाई परेशान कर रही है, तो आपके लिए अच्छी खबर है. मई 2025 में खुदरा महंगाई (CPI) 3 फीसदी तक गिर सकती है, जो पिछले 6 सालों में सबसे निचला स्तर होगा. यह गिरावट खासतौर पर खाने की चीजों के सस्ते होने और बेहतर मानसून की संभावनाओं की वजह से हो सकती है.
आम लोगों से लेकर बाजार और निवेशकों के लिए राहत
आज मई महीने की खुदरा महंगाई के आधिकारिक आंकड़े (Retail inflation May 2025) आने हैं. अगर यह अनुमान सही साबित होता है और महंगाई वाकई 3% तक गिरती है, तो यह आम लोगों से लेकर बाजार और निवेशकों तक के लिए राहत की खबर होगी. साथ ही, यह संकेत भी मिल सकता है कि आने वाले समय में और ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन सकती है.
मई महीने में खुदरा महंगाई 3% के आसपास रहने की उम्मीद
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मई महीने में खुदरा महंगाई अप्रैल 2019 के बाद पहली बार 3% के आसपास जा सकती है. इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और यह साफ संकेत देगा कि बाजार में कीमतें अब कंट्रोल में आ रही हैं.
RBI ने घटाया महंगाई का अनुमान, अब 3.7% पर लाया
आरबीआई ने अपनी हाल की मौद्रिक नीति बैठक (MPC Meeting) में यह साफ कर दिया कि अब पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई का औसत अनुमान घटाकर 3.7% कर दिया गया है, जो पहले 4% था. इससे पहले अप्रैल में महंगाई 3.16% रही थी, जो पहले से ही एक राहत भरा आंकड़ा था.
खाने-पीने की चीजों के दामों में गिरावट बनी बड़ी वजह
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट महंगाई के कम होने की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है. रबी सीजन में गेहूं और दाल जैसी जरूरी फसलों का उत्पादन बेहतर हुआ है, जिससे बाजार में सप्लाई मजबूत बनी हुई है. इसके अलावा, इस बार मानसून समय से पहले शुरू हो चुका है और इसका सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है, जो खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद होगा.
तीन महीने से लगातार 4% के नीचे है महंगाई
आरबीआई को खुदरा महंगाई को 4% के स्तर पर के दायरे में बनाए रखना होता है. अप्रैल 2025 तक लगातार तीन महीनों से महंगाई 4% से नीचे बनी हुई है, जो सरकार और आरबीआई दोनों के लिए एक पॉजिटिव संकेत है.
रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती
आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करके उसे 5.5% कर दिया है, ताकि ग्रोथ को सपोर्ट मिल सके. लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अभी भी मौसम से जुड़ी अनिश्चितताओं और ग्लोबल टैरिफ को लेकर सतर्क रहना जरूरी होगा.
आम लोगों के लिए क्या है इसका मतलब?
अगर आप रोजमर्रा की चीजों की कीमतों को लेकर चिंतित रहते हैं, तो ये आंकड़े उम्मीद की किरण हैं. लगातार घटती महंगाई का मतलब है कि आपकी जेब पर खर्च का बोझ थोड़ा हल्का हो सकता है. साथ ही, ब्याज दरों में राहत की उम्मीद भी बढ़ जाती है.
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