
- केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत में 6G टेक्नोलॉजी के विकास के लिए एक स्पष्ट और ठोस रोडमैप की आवश्यकता पर जोर दिया है.
- भारत 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है और इसके लिए रणनीतिक योजना बनाई जा रही है.
- भारत 6G गठबंधन में अब 80 से अधिक संस्थाएं शामिल हैं, जिनमें 30 से ज्यादा स्टार्टअप भी स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहे हैं.
सरकार अब 5G के बाद 6G टेक्नोलॉजी की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुकी है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ किया है कि सरकार 6G जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उनका कहना है कि नई टेक्नोलॉजी के विकास के लिए अब एक साफ और ठोस रोडमैप की जरूरत है, ताकि भारत दुनिया के साथ इस रेस में पीछे न रहे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ भारत 6G गठबंधन (B6GA) की प्रगति की समीक्षा की. इस बैठक में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 6G में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक और केंद्रित योजना तैयार की जानी चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि हर वर्किंग ग्रुप की प्रगति की नियमित समीक्षा जरूरी है, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर 6G टेक्नोलॉजी में 10% IPR यानी बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल कर सके.
2030 तक 6G में ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य
इस बातचीत में 2030 तक भारत को 6G टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर बनाने की योजना को भी साझा किया गया. गठबंधन के अलग-अलग कार्य समूहों ने अपनी तैयारियों की जानकारी दी और यह बताया कि 6G के कई टेक्नोलॉजी पहलुओं पर ठोस काम हो रहा है.
इस दौरान देश में विकसित किए जा रहे स्वदेशी नेटवर्क, ग्रामीण इलाकों के लिए स्मार्ट कनेक्टिविटी, और 6G के हेल्थ और एग्रीकल्चर जैसे सेक्टर में इस्तेमाल को लेकर भी जानकारी दी गई.
स्वदेशी टेक्नोलॉजी को मिलेगा बढ़ावा, स्टार्टअप भी साथ
सरकारी बयान के मुताबिक, भारत 6G गठबंधन में अब 80 से ज्यादा संस्थाएं जुड़ चुकी हैं, जिनमें से 30 से अधिक स्टार्टअप हैं. यह दिखाता है कि देश में स्वदेशी 6G टेक्नोलॉजी को लेकर उत्साह बढ़ रहा है और एक मजबूत नेटवर्क तैयार हो रहा है. ये सभी संगठन मिलकर भारत को टेक्नोलॉजी के इस अगले दौर में आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.
देश को 6G वायरलेस सिस्टम में लीडर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
सरकार ने मार्च 2023 में भारत 6G विजन डॉक्युमेंट लॉन्च किया था, जो देश को 6G वायरलेस सिस्टम में लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था. इसके जरिए एक मजबूत रणनीतिक आधार तैयार किया गया है, ताकि भारत सिर्फ तकनीक का इस्तेमाल करने वाला देश न रहे, बल्कि तकनीक बनाने वाला देश भी बने.
6G रोलआउट के बाद भारत बन सकता है ग्लोबल इनोवेशन हब
5G के सफल रोलआउट के बाद अब सरकार की नजरें 6G पर हैं. जिस तरह मोबाइल और इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं, वैसे ही 6G भविष्य में हमारी जरूरतों को नई दिशा देगा. हाई स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट नेटवर्क और नए इनोवेशन के साथ भारत का सपना है कि वो इस बार सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि वर्ल्ड लीडर बने और ये सपना अब हकीकत बनने के करीब है.
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