
देशभर में पीवीआर सिनेमाघरों में 8 अगस्त से शुरू हो रहा निर्माता, निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त की फिल्मों का उत्सव, जहां उनकी 6 फिल्में 8 से 10 अगस्त तक दिखायी जाएंगी. बुधवार यानी 6 अगस्त को फिल्म का प्रीमियर में प्यासा दिखायी गई, लेकिन उससे पहले हुई चर्चा गुरु दत्त और उनकी फिल्मों पर, जहां गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने गुरु दत्त से जुड़े कई किस्से बयान किए, जिनमें से एक किस्सा प्यासा से जुड़ा था.
ये भी पढ़ें: इन 4 ब्लॉकबस्टर फिल्मों को ठुकराकर आज भी पछताते होंगे सलमान खान, एक तो 30 साल से अब तक चल रही थिएटर में
बातचीत में उन्होंने उस दौर को याद करते हुए कहा, “अब मैं उम्र का फायदा उठाकर ये कह रहा हूं क्योंकि मैंने बहुत कुछ सुना और देखा है. जब प्यासा की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी. हालांकि मेरी उनसे मुलाक़ात कभी नहीं हुई, लेकिन मैं अबरार साहब, कैफी साहब जैसे कई करीबी लोगों को जानता हूं जिन्होंने उनके लिए लिखा. गुरुदत्त स्टूडियो और कमाल स्टूडियो एक ही कंपाउंड में थे, और मैंने खुद दो-तीन साल कमाल स्टूडियो में सो कर बिताए हैं. जो लोग गुरुदत्त के साथ काम करते थे, मैं उन्हें जानता था उनकी टीम, सबको.
इसके अलावा, कमाल अमरोही के असिस्टेंट्स भी गुरुदत्त को काफी अच्छी तरह जानते थे. तो मेरे पास उन्हें जानने के लिए कई स्रोत थे और मेरी रुचि भी थी. जब प्यासा की स्क्रिप्ट तैयार हुई, तो गुरुदत्त ने दिलीप साहब के पास जाकर कहा,‘ये स्क्रिप्ट है, मैं चाहता हूं कि आप ये रोल करें.'
दिलीप साहब ने स्क्रिप्ट सुनी और कहा,‘मैं अभी एक फिल्म कर चुका हूं जिसमें ऐसा ही ट्रायंगल है चंद्रमुखी, पारो और देवदास ये कुछ वैसी ही लगती है. तो ये मिलती-जुलती लगेगी.' और उन्होंने मना कर दिया. गुरुदत्त लौटे और उन्होंने खुद को कास्ट कर लिया. उन्होंने फिल्म के सात रील्स बना लिए, फिर दोबारा दिलीप कुमार के पास गए और कहा,‘देखिए ये सात रील्स ये भूमिका आपकी है. आपने मना किया, तो मैंने खुद निभा ली. लेकिन अगर अब भी आप मान जाएं, तो मैं फिल्म दोबारा शुरू करने को तैयार हूं.'
दिलीप साहब ने कहा,‘नहीं, अब ये व्यावहारिक नहीं है.' गुरुदत्त बोले, ‘वो तो ठीक है, पर मुझे अब भी लगता है कि ये रोल आपका ही है.' लेकिन उन्होंने नहीं किया. और दिलीप साहब ने एक बार मुझसे कहा था कि उन्हें इस बात का अफसोस रहा. कुछ दो-तीन फिल्में जो उन्हें ऑफर हुईं, उन्होंने नहीं की, शायद इसलिए कि वे उस समय उनकी गहराई को नहीं समझ पाए. प्यासा उनमें से एक थी. जावेद साहब ने बातचीत में ये भी बताया कि वो गुरु दत्त के साथ काम करना चाहते थे, पर वो जैसे ही मुंबई पहुंचे, कुछ ही वक्त में गुरु दत्त का निधन हो गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं