RRB, RRC Group D: हर साल करोड़ो लोग सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) के लिए आवेदन करते हैं. खासकर रेलवे (RRB) जहां 10वीं से लेकर ग्रेजुएट तक के लिए हर साल हजारों भर्तियां निकलती हैं. लेकिन इस बार हजारों में नहीं लाखों की संख्या में रेलवे (RRB) ने भर्तियां निकालीं. रोजगार के मुद्दे पर घिरती आ रही मोदी सरकार ने पिछले साल रेलवे में बंपर भर्तियां निकालीं. इतना ही नहीं इस साल चुनाव से पहले सरकार ने बेरोजगारों के लिए लाखों भर्तियां का ऐलान किया. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा, ''पिछले वर्ष हमने डेढ़ लाख लोगों को नौकरी देने का अवसर प्रदान किया था, अगले दो वर्षों में सेवानिवृति से होने वाली वैकेंसी और अन्य स्थानों के लिये कुल मिलाकर 4 लाख लोगों को नौकरी का अवसर रेलवे देने जा रहा है.'' पीयूष गोयल ने यह घोषणा इस साल जनवरी में चुनाव से पहले की थी. बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार की तरफ से यह एक तोहफा था. लेकिन सरकारी भर्तियों का हाल जानने के बाद आप इसे तोहफा कहना पसंद नहीं करेंगे. सरकार भर्ती तो हर साल निकालती है लेकिन भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ होने के कारण लाखों युवाओं का भविष्य खतरे में आ जाता है. एसएससी सीजीएल और यूपी पीसीएस का उदाहरण ही ले लीजिए. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक होने के बाद जून में 10 भर्ती परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा की थी.
जरा सोचिए जो उम्मीदवार भर्ती परीक्षा के लिए सालों तैयारी करता है और पेपर में बैठने जाता ही है कि पेपर लीक होने के चलते परीक्षा स्थगित कर दी जाती है. लाखों उम्मीदवार तैयारी के बाद भी परीक्षा में भाग नहीं ले पाते. खैर अभी मुद्दा रेलवे का है इसलिए इस पर डिटेल में नहीं जाते हैं. पीयूष गोयल की घोषणा के बाद रेलवे ने कई कैटेगरी के तहत वैकेंसी निकाली. उनमें से सबसे बड़ी भर्ती ग्रुप डी की है जिसके तहत 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां होनी हैं. इस भर्ती के लिए देश भर के लोगों ने आवेदन किया. इनमें लाखों उम्मीदवार यूपी, बिहार और अन्य राज्यों के गांव से आते हैं. इन उम्मीदवारों के लिए ये सिर्फ एक भर्ती नहीं है इसमें वे अपना भविष्य देखते हैं क्योंकि ग्रुप डी जैसी बड़ी भर्ती 4-5 साल में 1 बार ही आती है. ऐसे में उम्मीदवार दिन-रात इस के लिए तैयारी कर रहे हैं. रेलवे ने 4 लाख उम्मीदवारों के एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिए हैं. रेलवे का कहना है कि उम्मीदवारों के एप्लीकेशन इनवैलिड फोटो और साइन के चलते रिजेक्ट किए गए हैं.
ग्रुप डी एप्लीकेशन रिजेक्ट मामले पर रवीश कुमार ने पीयूष गोयल को लिखी चिठ्ठी
वहीं, उम्मीदवारों दावा है कि उन्होंने सही फोटो लगाई थी फिर भी उनकी एप्लीकेशन रिजेक्ट की गई है. इस पर हमने रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की थी और उन्होंने ये कहा था कि रेलवे इन एप्लीकेशन की जांच करेगा और रेलवे की गलती होने पर उम्मीदवारों को मॉडिफिकेशन लिंक देगा जिसकी मदद से उम्मीदवार फॉर्म में सुधार कर सकेंगे. एप्लीकेशन स्टेटस चेक करने और शिकायत दर्ज करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. जिसके बाद कुछ उम्मीदवारों ने आरआरबी पटना के बाहर प्रदर्शन भी किया. कुछ रोज अपने रीजन की आरआरबी पर जाकर गुहार लगा रहे हैं. हजारों की संख्या में उम्मीदवार रोज रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट कर अपनी समस्या बता रहे हैं. एनडीटीवी को भी उम्मीदवारों की ओर से कई सारे मेल और फोन कॉल्स आए हैं. ग्रुप डी की भर्ती इतनी बड़ी है कि इसके लिए 1 करोड़ 15 लाख लोगों ने आवेदन किया है. ये जानकारी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने ही हमे दी थी.
बता दें कि ग्रुप डी के तहत ट्रैकमैन, प्वॉइन्ट मैन,की मैन, गेटमैन, लीवर मैन, शंटर, पोर्टर और कई अन्य पदों पर भर्तियां होनी हैं. इस भर्ती के लिए इंजीनियरिंग से लेकर मैनेजमेंट तक के छात्रों ने आवेदन किया है. जबकि ग्रुप डी के की एलिजिबिलिटि 10वीं और आईटीआई है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि नौकरियों विशेषकर सरकारी नौकरियों की दरकार कितनी ज्यादा है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन की कुछ महीने पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-18 में बेरोजारी दर 6.1 फीसदी रही, जो 45 साल में सबसे ज्यादा है. यूपीए-2 के दौरान 2011-12 में यह 2.2 फीसदी थी. जब इतनी बड़ी भर्ती निकलती है तो उम्मीदवार के मन में एक ही बात होती है कि इस भर्ती में चयन होने की संभावना ज्यादा है. ऐसे में अब जो उम्मीदवार एप्लीकेशन रिजेक्ट होने के कारण परीक्षा नहीं दे सकेंगे उन्हें फिर से इस तहर की भर्ती का इंतजार करना होगा. कुछ दिनों पहले ग्रुप डी एप्लीकेशन रिजेक्ट का ये मुद्दा बीजेपी सांसद राहुल कासवान ने संसद में उठाया.
NDTV की खबर का असर, रेलवे ने RRC Group D के 4 लाख एप्लीकेशन रिजेक्ट मामले पर जारी किया नोटिस
उन्होंने संसद में कहा था कि उम्मीदवारों को फॉर्म में सुधार का मौका मिलना चाहिए. हमने रेलवे को मेल किया लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला. फिर 10 अगस्त 2019 को एनडीटीवी ने ये खबर प्रकाशित की कि रेलवे ने 4 लाख एप्लीकेशन रिजेक्ट मामले पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. इस खबर का असर हुआ और रेलवे ने अगले ही दिन 11 अगस्त को नोटिस जारी कर दिया. रेलवे के इस नोटिस में लिखा है, ''फोटो और साइन के आधार पर जिन उम्मीदवारों के एप्लीकेशन रिजेक्ट किए गए हैं उनकी शिकायत हमें मिली हैं और हम उन सभी एप्लीकेशन की जांच कर रहे हैं. अंतिम निष्कर्ष हर उम्मीदवार को ईमेल और एसएमएस के माध्यम से 31 अगस्त 2019 तक सूचित कर दिया जाएगा. सभी उम्मीदवारों को ये सलाह दी जाती है कि वे RRB की ऑफिशियल वेबसाइट्स को रेगुलर चेक करते रहें.'' हालांकि इस नोटिस में ये साफ नहीं हुआ कि मॉडिफिकेश लिंक आएगा या नहीं. रेलवे का कहना है कि एप्लीकेशन की जांच के बाद ही निष्कर्ष निकलेगा.
बहरहाल, हमारा मानना है कि 4 लाख उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फॉर्म में सुधार करने का एक मौका जरूर मिलना चाहिए. जब रेलवे ने पिछली बार 5-6 दिनों में ग्रुप डी एप्लीकेशन में सुधार करने का मौका दिया तो ऐसा इस बार भी होना चाहिए. पिछले साल भी ग्रुप डी की भर्ती निकली थी. ग्रुप डी के 62 हजार 907 पदों पर भर्ती के लिए पिछले साल फरवरी में नोटिफिकेशन जारी किया गया था और इन पदों पर भर्ती के लिए पहली स्टेज की परीक्षा 1 करोड़ 17 लाख उम्मीदवारों ने दी थी. पिछले साल एप्लीकेशन स्टेटस चेक करने की आखिरी तारीख के 5-6 दिन बाद रेलवे ने उम्मीदवारों के लिए मॉडिफिकेशन लिंक एक्टिव किया था जिसकी मदद से उम्मीदवार अपने एप्लीकेशन में सुधार कर पाए थे. खैर, अब रेलवे ने जांच का भरोसा दिया है तो उम्मीदवारों को उम्मीद की किरण नजर आ रही है और हो सकता है कि परिणाम उनके पक्ष में हो.
(अर्चित गुप्ता ndtv.in में सब-एडिटर हैं.)
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