विज्ञापन
This Article is From Jan 15, 2015

मनीष शर्मा की नज़र से : दिल्ली का दंगल हुआ केजरीवाल बनाम किरण बेदी

Manish Sharma, Rajeev Mishra
  • Blogs,
  • Updated:
    जनवरी 15, 2015 20:48 pm IST
    • Published On जनवरी 15, 2015 19:51 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 15, 2015 20:48 pm IST

लगभग एक साल से बीजेपी और नरेंद्र मोदी के समर्थन करने वाली भारत की पहली आईपीएस अफसर किरण बेदी आज बीजेपी में शामिल हो गई हैं। पार्टी ने यह तो बताया है कि वह चुनाव तो लड़ेंगी पर कहां से लड़ेंगी, यह नहीं बताया है। बीजेपी नेता विजय गोयल ने ट्वीट किया है कि बीजेपी किरण बेदी के नेतृत्व में ज़रूर जीतेगी।

कल अरविन्द केजरीवाल द्वारा बीजेपी के प्रदेश अध्य्क्ष सतीश उपाध्याय पर आरोप लगाया था कि उन्हीं की कंपनी ने दिल्ली में गलत मीटर लगाए हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केजरीवाल सतीश उपाध्याय सबूत पेश करने वाले थे, पर किरण बेदी की खबर ने  आप पार्टी को रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया और असर यह रहा है कि केजरीवाल की जगह आशुतोष ने मीडिया के सामने कथित सबूत पेश किए।

कल प्रदेश अध्यक्ष पर लगे आरोप से बीजेपी के कार्यकर्ताओं के हौसले जहां पस्त थे, वहीं आज बेदी के आने से उनको उम्मीद की 'किरण' ज़रूर दिखाई दे रही है। खबर है कि 'आप' पार्टी की पूर्व नेता शाज़िया इल्मी और सपा छोड़ कर राष्ट्रिय लोकदल की टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ीं अभिनेत्री जया प्रदा भी जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रही हैं।

भले ही किरण बेदी, बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता हों, परन्तु उन्होंने यह पत्ता फेंकने में काफी देर कर दी है। चुनाव में महीना भी नहीं बचा है। 7 फरवरी को वोट डाले जाने हैं।   बीजेपी ने न तो अपने उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट सार्वजनिक की है और न ही घोषणा-पत्र जारी किया है। उम्मीदवार के नाम न तय होने से बीजेपी के कार्यकर्ता अपने इलाकों में जोर-शोर से प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। घोषणा-पत्र के बिना वे जनता को समझा नहीं पा रहे हैं की उनके वादों की पोटली में दिल्ली के लिए क्या है?

हर सवाल के जवाब में आप हमेशा नहीं कह सकते कि 'मेरे पास तो मोदी है'। झारखण्ड, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को वोट मोदी की लोकप्रियता के साथ-साथ वहां की सरकार के खिलाफ लोगों की नाराज़गी के कारण भी मिले थे। पर दिल्ली का चुनाव इन सबसे अलग है। यहां सिर्फ मोदी के नाम से बीजेपी को बहुमत नहीं ला सकती, इसलिए किरण बेदी को केजरीवाल के सामने खड़ा किया है। शायद 10 जनवरी में दिल्ली में मोदी की रैली में जुटी कम भीड़ ने बीजेपी को अपनी कुछ नया सोचने पर विवश कर दिया।

कांग्रेस दिल्ली के दंगल में आज मुख्य पार्टी की बजाय एक 'वोट कटवा' पार्टी बन कर रह गई है। बीजेपी की तरह कांग्रेस ने फिलहाल अभी घोषणा-पत्र तो जारी नहीं किया है, परन्तु उसने 70 में से 64 उम्मीदवारों के नाम जारी ज़रूर कर दिए हैं। साफ़ छवि वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी गई है।

केंद्र में कमजोर नेतृत्व, राहुल गांधी की पार्टी के प्रचार को लेकर उदासीनता और कांग्रेस के दामन में भ्रष्टाचार के जो दाग लगे हुए हैं वे अजय माकन के लिए मुश्किलें बढ़ाते ही हैं। शीला युग तो केजरीवाल के आने से ही ख़त्म हो गया था, जब शीला दीक्षित को केजरीवाल ने उन्हीं के गढ़ में हराया था। अभी तक कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने कोई रैली नहीं की है। पिछले चुनाव में राहुल गांधी की रैली में लोगों के उठकर जाने वाली घटना उनको अभी भी आतंकित कर रही है।

आप पार्टी इस विधानसभा चुनाव में सबसे तैयार लग रही है। सभी उम्मीदवारों के नाम के साथ घोषणापत्र भी जारी कर दिया है। अक्टूबर से ही चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। सभी उम्मीदवारों को अपने-अपने इलाके पता हैं। नवंबर के अंत से ही केजरीवाल दिल्ली के हर मोहल्ले में जा-जाकर पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। केजरीवाल पार्टी के स्टार परफ़ॉर्मर हैं और अब तक उन्होंने 60 से ज़्यादा जनसभाएं कर ली हैं और महीने के अंत तक 50 और  जनसभाएं करने की योजना बना रखी है।

आप पार्टी का दावा है कि इन 60 सभाओं में केजरीवाल तकरीबन तीन लाख लोगों से जुड़ चुके हैं। पार्टी इस बार जनलोकपाल के मुद्दे की बजाय स्थानीय मुद्दों पर राजनीति कर रही है। आप पार्टी को अनूठे प्रचार, पारदर्शी वित्तीय लेन-देन के कारण जनता से अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है। इस बार पिछले चुनाव की तरह लोगों में शंका भी नहीं है कि आम आदमी पार्टी को वोट देने से उनके वोट बरबाद होंगे।

दिल्ली के चुनाव प्रचार में आप पार्टी बीजेपी से कहीं आगे निकल गई है। किरण बेदी के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को भले ही नैतिक बल मिला हो, पर यह तो समय ही बताएगा कि किरण बेदी अपनी पहली चुनावी रैली में कितनी भीड़ जुटा पाती हैं और यह भी समय बताएगा की क्या किरण बेदी केजरीवाल का तोड़ बन पाएंगी? फ़िलहाल यह समय है जिसकी इस समय बहुत कमी है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
दिल्ली विधान सभा चुनाव, विधानसभा चुनाव 2015, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी, बीजेपी, सतीश उपाध्याय, नरेंद्र मोदी, Assembly Polls 2015, Kiran Bedi, Arvind Kejriwal, AAP, BJP