
- संजना, जो बीए की छात्रा थी, डेढ़ महीने पहले कॉलेज से एडमिट कार्ड लेने निकली थी. लेकिन घर वापस नहीं लौटी.
- परिवार ने भगवानपुर और गोरौल थानों में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने में लापरवाही बरती और जांच नहीं की.
- परिवार ने गांव के चार युवकों पर संजना की हत्या का आरोप लगाया है, जिसमें एक युवक ने वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी थी.
यह कहानी एक मां की है. यह कहानी एक बेटी संजना की है. और यह कहानी उस सिस्टम की भी है, जिसमें सड़ांध आ गई. डेढ़ महीने पहले संजना कॉलेज से एडमिट कार्ड लेने निकली थी. वह घर नहीं लौटी. परेशान मां-बाप थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक चक्कर काटते रहे. दोनों थानों के बीच झूलते रहे. सिस्टम सोता रहा. उबासी भरता रहा. थकी हारी संजना की मां कोर्ट से FIR का आदेश थाने पर लाई, और सोया सिस्टम जब तक केस दर्ज करता, संजना के शव से बदबू आने लगी थी. यह कहानी बिहार के वैशाली की बेटी की है. अब भले ही कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया हो, लेकिन संजना अब इस दुनिया में नहीं है. मां बदहवास है. यह बुदबुदाते हुए कि काश पुलिस ने पहले खोजबीन की होती तो बेटी जिंदा होती.
संजना का सड़ा-गला शव मिला
वैशाली के पीरापुर गांव के खेत में पुलिस के साथ सैंकड़ों ग्रामीण का भीड़ लगी है. यहां खेत के गड्ढे से BA में पढ़ने वाली संजना का सड़ा-गला शव निकाला जा रहा है. संजना डेढ़ महीने पहले कॉलेज से एडमिट कार्ड लेने घर से निकली थी. वह घर नहीं आई, तो मां-बाप आवेदन लेकर भगवानपुर व गोरौल थाने गए. केस दर्ज नहीं हुआ.

संजना की मां
मां बिलखते हुए बताती हैं कि गोरौल थाने में गए, तो भगवानपुर थाने का मामला बताकर टाल मटोल कर दिया गया. इधर से उधर चक्कर काट-काटकर सिर घूम गया. यह कहते-कहते वह बदहवास हो जाती हैं. संजना की मां और उनके परिजन थाने का एक माह तक चक्कर काटते रहे. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मां एसपी ऑफिस के चक्कर भी लगाती रही. एसपी के जनता दरबार में भी गुहार लगाई गई. कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. थक-हारकर कोर्ट में शिकायत दी. घटनास्थल भगवानपुर बताते हुए हाजीपुर कोर्ट में घरवालों ने शिकायत दी. एक नामजद और चार अज्ञात के खिलाफ अपहरण का आरोप लगाया गया.

खेत से मिला संजना का शव
अब सिस्टम किस कदर सोया हुआ था, इसे इस बात से समझिए. संजना का शव उसके घर से लगभग एक किलोमीटर दूर पिरापुर गांव के चौर में मिला. शव मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और डेढ़ माह बाद भगवानपुर थाने में केस दर्ज किया गया. अब जरा सिस्टम को समझिए. थानेदार साहब डेढ़ माह पहले संजना की मां की शिकायत ली, तलाश शुरू कर देते, तो शायद बिहार की यह बेटी जिंदा होती.
डेढ़ महीने बाद कैसे और कहां मिली संजना की लाश
पिरापुर मथुरा निवासी धर्म सिंह के खेत की सिंचाई के दौरान किसान ने एक गड्ढा देखा. उसे शराब होने का शक हुआ. पुलिस और गांववालों को खबर दी गई. खुदाई हुई तो दुर्गंध आने लगी. खेत में लोगों की भीड़ जुट गई. सड़ा-गला शव बाहर निकाला गयाा तो एक बैग भी मिला. उसमें संजना का आधार, पैन, एटीएम कार्ड सहित अन्य कागजात रखे थे. इसके आधार पर युवती की पहचान संजना भारती के रूप में की गई.

संजना की मां
घरवालों का क्या है आरोप
संजना की मां को गांव के ही रूपेश कुमार समेत चार युवकों पर हत्या का शक है. उनके खिलाफ शिकायत भी दी गई है. मां के मुताबिक गांव के ही रूपेश ने बेटी का एक वीडियो बनाया हुआ था. वह बार-बार वीडियो वायरल करने की धमकी भी देता था. पंचायत भी बुलाई गई थी, जिसमें एक शिक्षक ने भरी पंचायत में डांट फटकार लगाते हुए कहा था कि बेटी को मत पढ़ाओ. बेटी को तुम क्यों पढ़ने भेजती हो. इस पूरे मामले पर जिले के पुलिस कप्तान ने खुद घटनास्थल पर जांच की और SHO की गलत कार्यशैली मानते हुए कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया.
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