-
क्या 50 दिन में हटनी थी इमरजेंसी, कैसे एक सुबह ने बदल दिए थे इंदिरा गांधी के इरादे, पढ़िए पूरी कहानी
दिनकर की कविता सिंहासन खाली करो कि जनता आती है को जेपी ने एक बार फिर दोहराया. लेकिन साथ ही ये भी बता दिया कि वो अबकी बार इंदिरा गांधी की सत्ता से आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए आए हैं. अपने जज्बात को अभिव्यक्त करने के लिए जेपी ने हरिवंश राय बच्चन की कविता उस सभा में पढ़ी कि तीर पर कैसे रुकूं मैं, आज लहरों का निमंत्रण.
- जून 25, 2025 11:05 am IST
- Written by: Bichitra Singh Rathod