गोवा के नेताओं से मुलाकात करते दिग्विजय सिंह...
पणजी:
गोवा में सरकार बनाने का दावा करने के लिए कांग्रेस विधायक दल के सदस्यों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उनके पास पर्याप्त संख्या बल है. कांग्रेस के सभी 17 विधायकों ने राजभवन में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की. कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत केवलकर ने बताया, 'आज सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी और फिर हम सरकार बनाने का दावा करने के लिए सुबह 10 बजे राज्यपाल से मिलेंगे.' उन्होंने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है. हमारी पार्टी अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है और सरकार बनाने के लिए हमें बुलाया जाना चाहिए.' गोवा के राज्यपाल भाजपा नीत गठबंधन को सरकार बनाने के लिए पहले ही आमंत्रित कर चुके हैं और आज शाम शपथ ग्रहण समारोह होगा.
कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए खुद को न बुलाए जाने पर आपत्ति जताई है. उसका कहना है कि गोवा विधानसभा चुनाव में वह अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है. कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है. गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है.
पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर की नियुक्ति को चुनौती भी दी है. उच्चतम न्यायालय ने आज 11 बजे इस मामले की सुनवाई नियत की है. इस बीच, कांग्रेस ने भी कल रात भी राज्यपाल को अभ्यावेदन दे कर उनसे सरकार बनाने के लिए खुद को बुलाने को कहा. कांग्रेस विधायक दल ने कहा कि उनके पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है और वह सदन में बहुमत साबित करने की स्थिति में हैं.
कावलेकर ने कहा ‘‘हमारे राजनीतिक विरोधी (भाजपा) लोगों से जनादेश न मिलने के बावजूद यह भ्रम पैदा करने की कोशिश में हैं कि उनके पास विधानसभा में पर्याप्त बहुमत है. यह अत्यंत निचले स्तर का अवसरवाद है और संविधान में इसकी अनुमति नहीं है.’’ अभ्यावेदन में कहा गया है, ‘‘सरकार बनाने का आमंत्रण हासिल करने के लिए किसी भी तरह का चुनाव पश्चात गठबंधन दिखाना (जैसा कि भाजपा कर रही है) लोगों के उस जनादेश की हार होगी जिसमें भाजपा की तत्कालीन सरकार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है.’’ इसमें कहा गया है ‘‘अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी पार्टी (कांग्रेस) को सरकार बनाने का अवसर दिए बिना भाजपा को आमंत्रित करना उन लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा जिन्होने कांग्रेस को राज्य में सबसे बड़े दल के तौर पर चुना है.’’
कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए खुद को न बुलाए जाने पर आपत्ति जताई है. उसका कहना है कि गोवा विधानसभा चुनाव में वह अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है. कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है. गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है.
पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर की नियुक्ति को चुनौती भी दी है. उच्चतम न्यायालय ने आज 11 बजे इस मामले की सुनवाई नियत की है. इस बीच, कांग्रेस ने भी कल रात भी राज्यपाल को अभ्यावेदन दे कर उनसे सरकार बनाने के लिए खुद को बुलाने को कहा. कांग्रेस विधायक दल ने कहा कि उनके पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है और वह सदन में बहुमत साबित करने की स्थिति में हैं.
कावलेकर ने कहा ‘‘हमारे राजनीतिक विरोधी (भाजपा) लोगों से जनादेश न मिलने के बावजूद यह भ्रम पैदा करने की कोशिश में हैं कि उनके पास विधानसभा में पर्याप्त बहुमत है. यह अत्यंत निचले स्तर का अवसरवाद है और संविधान में इसकी अनुमति नहीं है.’’ अभ्यावेदन में कहा गया है, ‘‘सरकार बनाने का आमंत्रण हासिल करने के लिए किसी भी तरह का चुनाव पश्चात गठबंधन दिखाना (जैसा कि भाजपा कर रही है) लोगों के उस जनादेश की हार होगी जिसमें भाजपा की तत्कालीन सरकार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है.’’ इसमें कहा गया है ‘‘अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी पार्टी (कांग्रेस) को सरकार बनाने का अवसर दिए बिना भाजपा को आमंत्रित करना उन लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा जिन्होने कांग्रेस को राज्य में सबसे बड़े दल के तौर पर चुना है.’’
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