
बुंदेलखंड के एक गांव में एक जोड़ा 40 साल से लिव इन में रह रहे थे.
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बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में हुई अनोखी शादी
दूल्हा सूखे कुशवाहा 80 साल के और दुल्हन हरिया 75 वर्ष की हैं
उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंचकर धूमधाम से ब्याह रचाया है
सूखे ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनके मन में इस बात की कसक थी कि उनकी शादी नहीं हुई, वे इस बात का अपने दो बेटों और बेटी से जिक्र भी किया करते थे. फिर क्या था, गांव के लोगों ने पूरे विधि-विधान से सूखे (80) और हरिया (75) की शादी कराने का फैसला कर डाला.
हिंदू परंपरा के मुताबिक, सूखे दूल्हा बने, नए कपड़े पहने और सिर पर पगड़ी व गले में माला डाली गई. वहीं दूसरी ओर हरिया भी पूरी तरह दुल्हन के श्रृंगार में थीं. डीजे और बैंडबाजों के साथ निकली बारात में गांव के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और बच्चे से लेकर बुजुर्गो तक ने ठुमके लगाए.
सूखे कहते हैं कि उनकी शादी में वे सभी वैवाहिक रस्में हुईं, जो अन्य शादियों में होती हैं. उन्हें बड़ा अच्छा लगा, क्योंकि उनके मन में हमेशा यही कसक थी कि उनकी शादी नहीं हुई है.
वहीं दूसरी ओर हरिया की खुशी का भी ठिकाना नहीं है. उनका कहना है, "दोनों लोग साथ तो वर्षो से पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं, मगर इस बात की हमेशा इच्छा रहती थी कि हमारी भी शादी हो. अब शादी हो गई है, बच्चों और गांव के लोगों ने मिलकर मन की मुराद पूरी कर दी है."
ज्ञात हो कि बुंदेलखंड मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में फैला हुआ है, इस इलाके की पहचान पिछड़ापन, सूखाग्रस्त, पलायन, किसान आत्महत्या, बेरोजगारी जैसी नकारात्मक चीजें हैं, मगर यहां के लोगों की सोच में पिछड़ापन नहीं है. यह बात सूखे और हरिया के चार दशक तक लिव-इन में रहने से साबित होती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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