प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
चोरी की गाड़ी सड़क पर फर्राटे से भगाना अब आसान नहीं होगा, पुलिस आरोपियों को महज 20 सेकेंड में पकड़ सकती है। चोरों की चालाकी को पकड़ने के देश में सफल प्रयोग के बाद ट्रैफिक पुलिस के दो तकनीकी दोस्तों को सबसे पहले नवी मुंबई ट्रैफिक पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
जीपीआरएस मॉडम और मोबाइल एसडीआर के ज़रिये आरटीओ ऑफिस और एनआईसी के सहयोग से नवी मुंबई पुलिस ने सारी गाड़ियों की जानकारी को अपने सर्वर में डाल दिया है। नवी मुंबई पुलिस में डीसीपी ज़ोन वन शाहजी उमन ने हमें बताया, 'नाकाबंदी में जांच के समय वाहन चालक से पूछताछ के दौरान तैनात पुलिस जैसे ही किसी संदेहास्पद वाहन चालक को रोकेगी, उस वाहन के पासिंग नंबर को पुलिस अपने पास के मोबाईल सेट से सिर्फ एक एसएमएस भेजेगी। इसका जवाब मात्र 20 सेकेंड में पुलिस के मोबाईल पर आ जायगा।
चेनस्नैचिंग और गाड़ियों की चोरी रोकने के लिए नवी मुंबई में अकेले 150 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं। जिसमें एक जोन के सभी 10 थानों के 300 कर्मियों को इस सेवा से जोड़ा गया है।
अक्सर देखा गया है कि नाकेबंदी में पुलिसवाले गाड़ी रोकते हैं, किसी अपराध के लिए गाड़ी की चेकिंग करते हैं या फिर कागज़ात देखते हैं, कागज़ात नहीं होने पर लोग नकद जुर्माना भरकर छूट जाते हैं, कई बार गाड़ियों को चुराने वाले इसी बात का फायदा उठाते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि हर साल देश में लगभग 1.70 लाख गाड़ियां चोरी होती हैं, वाहन चोरी के मामले में यूपी का बाद नंबर है महाराष्ट्र का है। लेकिन महाराष्ट्र में अब शायद इसपर लगाम लग जाए, इस सिस्टम में फिलहाल साल 2006 से 2015 तक सभी रजिस्टर्ड गाड़ियों की जानकारी जोड़ दी गई है, जल्द ही 1986 से पंजीकृत सभी गाड़ियों को इससे जोड़ने की योजना है।
जीपीआरएस मॉडम और मोबाइल एसडीआर के ज़रिये आरटीओ ऑफिस और एनआईसी के सहयोग से नवी मुंबई पुलिस ने सारी गाड़ियों की जानकारी को अपने सर्वर में डाल दिया है। नवी मुंबई पुलिस में डीसीपी ज़ोन वन शाहजी उमन ने हमें बताया, 'नाकाबंदी में जांच के समय वाहन चालक से पूछताछ के दौरान तैनात पुलिस जैसे ही किसी संदेहास्पद वाहन चालक को रोकेगी, उस वाहन के पासिंग नंबर को पुलिस अपने पास के मोबाईल सेट से सिर्फ एक एसएमएस भेजेगी। इसका जवाब मात्र 20 सेकेंड में पुलिस के मोबाईल पर आ जायगा।
चेनस्नैचिंग और गाड़ियों की चोरी रोकने के लिए नवी मुंबई में अकेले 150 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं। जिसमें एक जोन के सभी 10 थानों के 300 कर्मियों को इस सेवा से जोड़ा गया है।
अक्सर देखा गया है कि नाकेबंदी में पुलिसवाले गाड़ी रोकते हैं, किसी अपराध के लिए गाड़ी की चेकिंग करते हैं या फिर कागज़ात देखते हैं, कागज़ात नहीं होने पर लोग नकद जुर्माना भरकर छूट जाते हैं, कई बार गाड़ियों को चुराने वाले इसी बात का फायदा उठाते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि हर साल देश में लगभग 1.70 लाख गाड़ियां चोरी होती हैं, वाहन चोरी के मामले में यूपी का बाद नंबर है महाराष्ट्र का है। लेकिन महाराष्ट्र में अब शायद इसपर लगाम लग जाए, इस सिस्टम में फिलहाल साल 2006 से 2015 तक सभी रजिस्टर्ड गाड़ियों की जानकारी जोड़ दी गई है, जल्द ही 1986 से पंजीकृत सभी गाड़ियों को इससे जोड़ने की योजना है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं