यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूस को युद्ध से रोक पाने में असमर्थ रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर भड़ास निकाली. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में दिए अपने भाषण में जेलेंस्की ने UNSC से राजधानी कीव (Kyiv) के पास के कस्बे बूचा (Bucha) में नरसंहार की घटना सामने आने के बाद कहा समूह के पास दो विकल्प हैं, या तो रूस को सज़ा दी जाए या तो UNSC को भंग कर लिया जाए. यूक्रेन के नेता ने UNSC के नेताओं से रूस को समूह से हटाने की मांग की है. रूस UNSC का स्थाई सदस्य है. उन्होंने कहा, " युद्ध को आक्रामक होकर बढ़ावा देने का काम रूस ने किया है. वह अपने खुद की आक्रामकता के खिलाफ फैसले नहीं रोक सकता है." आगे उन्होंने कहा, " या फिर, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति को "भंग" कर लेना चाहिए और नए सिरे से पूर्ण सुधार करना चाहिए. ज़ेलेंस्की ने कहा, " अगर कोई विकल्प नहीं है, तो अगला विकल्प यह होगा कि आप अपने आप को पूरी तरह से भंग कर लीजिए."
एटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में दिए अपने भावुक भाषण में संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सुधार की मांग की. यूक्रेन पर रूस के हमले की तीखी आलोचना करते हुए जेलेंस्की ने यह बयान दिया.
UNSC में 5 अप्रेल को वीडियो लिंक के ज़रिए भाषण देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ जारी रूस के युद्ध ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र अपने मौजूदा स्वरूप में अपना प्राथमिक उद्देश्य पूरा करने में असमर्थ है जो कि अंतरराष्ट्रीय आक्रामकता को रोकना है. उन्होंने कहा, " देवियों और सज्जनों, क्या आप संयुक्त राष्ट्र को बंद कर यह मानने के लिए तैयार हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून खत्म हो चुका है? अगर आपका जवाब ना है, तो आपको तुरंत काम करने की ज़रूरत है."
जेलेंस्की की टिप्पणी यूक्रेन की नाराजगी को प्रतिबिंबित करती है जिसमें संस्थागत संस्थाएं पुतिन के आक्रमण की चुनौती से निपटने में असफल रही हैं. यह आलोचना केवल संयुक्त राष्ट्र तक सीमित नहीं है.
ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कॉपरेशन इन यूरोप (OSCE) , जिसका मिशन शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना है उसने युद्ध के पहले दिन अपने निगरानी मिशन को पूर्वी यूक्रेन से बाहर निकाल लिया था और आक्रमण की निगरानी की ज़िम्मेदारी से खुद को मुक्त कर लिया था. इस बीच नाटो (NATO)ने भी यह साफ कर दिया था कि वह ना तो यूक्रेन के उपर, नो-फ्लाइ ज़ोन (No-Fly Zone) बनाएगा और ना ही युद्ध में हस्तक्षेप करेगा.
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