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This Article is From Jan 07, 2015

पेरिस में एक पत्रिका के कार्यालय पर दो बंदूकधारियों का हमला, 12 की मौत, चार घायल

पेरिस में एक पत्रिका के कार्यालय पर दो बंदूकधारियों का हमला, 12 की मौत, चार घायल
पेरिस:

फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक पत्रिका के मुख्यालय पर गोलीबारी की गई है। बताया जा रहा है कि इस गोलीबारी में 12 लोगों की मौत हुई है और इस घटना को दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने अंजाम दिया है। फ्रांस पुलिस ने बताया कि हमलावर, 'हमने मोहम्मद का बदला ले लिया' का नारा लगा रहे थे

इस हमले में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में नौ पत्रकार और मैगजीन के संपादक स्टीफन शार्बोनियर और दो पुलिसवाले भी शामिल हैं। चार अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस का दावा है कि हमले में 40 लोगों को बचा लिया गया है। मारे गए पत्रकार- स्टेफान शर्बिनोए, ज़ां कादू,बेर्नार वेरलक और जॉर्ज वोलिंस्की हैं।


पेरिस की एक व्यंग्य पत्रिका चार्ली हेबदो (Charlie Hebdo) के कार्यालय पर यह हमला हुआ है। पत्रिका ने हाल में आईएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी का एक कार्टून प्रकाशित किया था।

हमले में इन पत्रकारों की हुई है मौत
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मौके पर पहुंच रहे हैं और उन्होंने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई है।

उल्लेखनीय है कि इस मैगजीन ने नवंबर में पैगम्बर मोहम्मद पर 2012 में कुछ कार्टून प्रकाशित किए थे जिसका विरोध कई मुस्लिम देशों में हुआ था और इसके फलस्वरूप ऐहतियातन फ्रांस को 20 से भी अधिक देशों में अपने दूतावास को बंद करना पड़ा था। पैगम्बर पर एक अन्य कार्टून प्रकाशित करने के चलते इस मैगजीन के कार्यालय पर नवंबर 2011 में भी हमला हुआ था।

जांच कार्य से करीबी रूप से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि एक स्वचालित राइफल ‘कालशनीकोव’ और एक रॉकेट लॉन्चर लिए दो सशस्त्र लोगों ने मध्य पेरिस स्थित इमारत में धावा बोला तथा सुरक्षा बलों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई।

सूत्र ने बताया कि बंदूकधारियों ने एक कार अगवा किया और एक राहगीर से इसे तेजी से चलाने को कहा। मौके पर ले जाकर दोनों हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की और फरार हो गए।

हमले की घटना को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदनीय बताया है और ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

फ्रांस के मुस्लिम नेतृत्व ने एक व्यंग्यात्मक साप्ताहिक अखबार के दफ्तर में हुई गोलीबारी की सख्त निंदा करते हुए इसे बर्बर हमला करार दिया और इसे प्रेस की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र पर हमला बताया। इस हमले में कम से कम 12 लोग मारे गए हैं।

फ्रेंच मुस्लिम काउंसिल ने एक बयान में कहा, ‘‘यह अत्यंत संगीन बर्बर हरकत लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है।’’ यह संगठन फ्रांस के मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है जो यूरोप में सबसे बड़ा है और उनकी संख्या 35 लाख से 50 लाख के बीच है।

संगठन के अध्यक्ष एवं पेरिस मस्जिद के प्रमुख दलील बौबाकर गोलीबारी के घटनास्थल पर जाने वाले हैं।

मुस्लिम काउंसिल ने शांति कायम रखने की अपील की है और मुसलमानों को चरमपंथी उकसावे से सतर्क रहने को कहा है।

इसने कहा है कि मुस्लिम समुदाय चरमपंथी संगठनों को मौके का लाभ उठाने का मौका नहीं दें और सतर्क रहें।

मुस्लिम ब्रदरहुड के एक करीबी संगठन यूनियन ऑफ फ्रेंच इस्लामिक आर्गेनाइजेशन के बयान में भी इस आपराधिक हमले और नृशंस हत्याओं की सख्त निंदा की गई है।

फ्रांस के यहूदियों के मुख्य धर्मगुरू हइम कोरसिया ने एएफपी से कहा कि देश को राष्ट्रीय एकजुटता दिखाने और मिलजुल कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित अपनी स्वतंत्रता की हिफाजत करने की जरूरत है।

गौरतलब है कि फ्रांस में यूरोप की सर्वाधिक यहूदी आबादी है और उनकी संख्या पांच लाख से छह लाख के बीच है।

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