
नई दिल्ली:
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से एक माह पहले भारत ने द्विपक्षीय सम्बंधों में किसी तरह के तनाव से इनकार करते हुए कहा कि भारतीय विदेश नीति के लिए रूस शीर्ष प्राथमिकता है और भारत रूस के साथ अधिक व्यापक आर्थिक सम्बंध चाहता है।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने इस सप्ताह की शुरुआत में छठे भारत-रूस संवाद में कहा था कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बावजूद रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी सम्भवत: अधिक महत्वपूर्ण और निर्णायक है।
भारत के नागरिक परमाणु उत्तरदायित्व कानून को लेकर रूस के साथ मतभेदों के बाजवूद मथाई ने रूस को देश के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में रूस को भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी करार दिया।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने इस सप्ताह की शुरुआत में छठे भारत-रूस संवाद में कहा था कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बावजूद रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी सम्भवत: अधिक महत्वपूर्ण और निर्णायक है।
भारत के नागरिक परमाणु उत्तरदायित्व कानून को लेकर रूस के साथ मतभेदों के बाजवूद मथाई ने रूस को देश के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में रूस को भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी करार दिया।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।