यूरोप में लू और गर्मी ने कहर मचा रखा है. यूरोपीय इतिहास में सबसे अधिक तापनाम इटली के सिसिली में दर्ज किया गया. बुधवार को मौसम विभाग ने सिसिली के सिरैक्यूज़ का तापमान 48.8 डिग्री रिकॉर्ड किया, जो कि अब तक का सबसे ज्यादा तापमान है.बता दें कि यहां के लोग गर्मी से परेशान हैं और राहत पाने के लिए तटों और वातानुकूलित जगहों का सहारा ले रहे हैं.अगर विश्व का मौसम विज्ञान संगठन इसे मान लेता है तो यह 1977 में एथेंस के 48 डिग्री सेल्सियस के पिछले यूरोपीय रिकॉर्ड को तोड़ देगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक- भूमध्य सागर से ट्यूनीशिया और अल्जीरिया तक फैली भीषण गर्मी के बीच ये तापमान सामने आया है. इटली की सरकार ने आपातकाल की घोषणा की है. तुर्की और ग्रीस में इस विनाशकारी आग की चपेट में हैं. 48.8 डिग्री तापमान को सिसिली के सिरैक्यूज़ में एक स्टेशन पर मापा गया था और इसी द्वीप के मौसम विज्ञान अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की. बता दें कि वैसे जुलाई में भी यूरोप के पश्चिमी हिस्से में तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया गया था.ग्रीस में भी तापमान 47 डिग्री पार कर चुका है. ग्रीस के जंगलों में आग लगने की वजह से ये भारी तबाही मची हुई है. लोगों को हीट स्ट्रोक और डी हाइड्रेशन जैसी समस्याओं से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है.
Today has provisionally seen the highest #temperature ever recorded in #Italy
— Met Office (@metoffice) August 11, 2021
SIAS have confirmed that Siracusa in #Sicily reached 48.8ºC earlier this afternoon and if verified by @WMO, it will become a new European temperature record pic.twitter.com/0L8Af2lp6r
निक गॉलेज( वेलिंगटन विश्वविद्यालय) की रिपोर्ट के मुताबिक- तीन साल के लेखन और अंतिम स्वरूप को मंजूरी देने के लिए दो सप्ताह की आभासी बातचीत के बाद, जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट (एआर 6) इस बात की पुष्टि करती है कि हर महाद्वीप और हर महासागर में पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन हो रहे हैं. - समुद्र की गर्मी की मात्रा वर्तमान सदी के बाकी हिस्सों में बढ़ती रहेगी, और उत्सर्जन कम होने पर भी यह सिलसिला 2300 तक जारी रहने की संभावना है. यह भी निष्कर्ष निकाला कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन खुले समुद्र में अम्लीकरण का मुख्य चालक है और यह कम से कम 26,000 वर्षों में किसी भी समय की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है.
पूरे विश्वास के साथ यह भी कह सकते हैं कि 20वीं सदी के मध्य से कई महासागर क्षेत्रों में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आई है और 1980 के बाद से समुद्री हीटवेव की आवृत्ति दोगुनी हो गई है, जो लंबी और अधिक तीव्र होती जा रही है. 1750 के बाद से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का मतलब है कि अब इस पूरी सदी में भविष्य में समुद्र के गर्म होने को रोका नहीं जा सकता है. परिवर्तन की दर हमारे भविष्य के उत्सर्जन पर निर्भर करती है, लेकिन यह प्रक्रिया अब शताब्दी से सहस्राब्दी तक के समय के पैमाने पर अपरिवर्तनीय है. (इनपुट्स भाषा से)
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