
इस फैसले को डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत देखा जा रहा है.(फाइल फोटो)
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अब इस वीजा को जारी करने प्रकिया कड़ी हो जाएगी
इस वीजा की भारतीय आईटी फर्मों और पेशेवरों के बीच भारी मांग
ट्रंप ने विस्कांसिन के केनोशा में इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया
यह वास्तव में डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत किया गया है. इसको ट्रंप के 'बाय अमेरिकन एंड हायर अमेरिकन' चुनावी नारे को अमलीजामा दिए जाने की दिशा में देखा जा रहा है. दरअसल ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही घोषणा की थी कि यदि वह सत्ता में आएंगे तो उच्च विदेशी पेशेवरों को देश में आने के लिए दिए जाने वाले अस्थायी वीजा कार्यक्रम को सख्त बनाएंगे. लिहाजा इसी दिशा में डोनाल्ट ट्रंप के इस शासकीय आदेश को देखा जा रहा है.
क्या है एच-1 बी वीजा
एच-1 बी एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसके माध्यम से यह अमेरिकी कंपनियों को विशेष परिस्थितियों में विदेशी कर्मचारियों को अस्थाई तौर पर नियुक्त करने की अनुमति देता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैश्विक स्तर पर एच1बी वीजा रखने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है.
(एजेंसियों से इनपुट)
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