वेस्टइंडीज के कप्तान डैरेन सैमी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जब वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप जीता तब कई खिलाड़ी भावुक होते हुए नज़र आए। इस जीत की खुशी ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के उस दुःख को भुला दिया, जिसको लेकर वह कई दिनों से परेशान थे। इन परेशानियों के पीछे और कोई नहीं बल्कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ही है। कई दिनों से खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच झगड़ा चल रहा है। वर्ल्ड कप से पहले यह भी तय नहीं था कि यह टीम वर्ल्ड कप खेलने के लिए आएगी या बोर्ड किसी और टीम को भेजेगा।
कप्तान डैरेन सैमी और ब्रावो ने की बोर्ड की खुलकर आलोचना
शायद डैरेन सैमी इस फाइनल मैच में जीत का इंतज़ार कर रहे थे। सेमीफाइनल में जीत के बाद सैमी ने बोर्ड की आलोचना ज़रूर की थी, लेकिन फाइनल जीतने के बाद उन्होंने खुलकर बोर्ड की आलोचना की है। सैमी के साथ-साथ और कई खिलाड़ियों ने भी बोर्ड की आलोचना की, जिनमें ड्वेन ब्रावो भी शामिल हैं।
मैच खत्म हो जाने के बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की आलोचना करते हुए सैमी ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड की तरफ से खिलाड़ियों को कोई ज्यादा मदद नहीं मिली। सेमीफाइनल मैच जीतने के बावजूद भी बोर्ड ने खिलाड़ियों की तारीफ नहीं की। सैमी ने क्रिकेट बोर्ड के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि उसकी वजह से वेस्टइंडीज क्रिकेट का नुकसान हो रहा है। सैमी कहना था कि अगर वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप जीता है तो सिर्फ खिलाड़ियों की एकजुट और कोचिंग स्टाफ की मदद से जीता है।
सिर्फ सैमी ही नहीं ड्वेन ब्रावो ने भी वेस्टइंडीज बोर्ड की आलोचना की। ब्रावो का कहना था कि बोर्ड की तरफ से खिलाड़ियों को जीतनी मदद मिलनी थी वह नहीं मिली। ब्रावो ने तो यहां तक कहा कि वेस्टइंडीज बोर्ड से ज्यादा मदद तो बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की है।
खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच क्या है मसला
वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड के बीच आर्थिक अनुबंध को लेकर पिछले कुछ सालों से विवाद चल रहा है। इस अनुबंध के चलते बीते कुछ सालों में बोर्ड ने खिलाड़ियों के वेतन में भी काफी कटौती की है, जिसकी वजह से खिलाड़ी खुश नहीं हैं। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले यह मसला इतना गंभीर हो गया था कि खिलाड़ी इस सीरीज़ में भाग लेना ही नहीं चाहते थे। सैमी ने खुद बोर्ड को खत लिखकर नाराज़गी जताई थी। यह पहली बार नहीं है, जब बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच झगड़ा हुआ हो। इस मसले के वजह से 2014 में वेस्टइंडीज टीम भारतीय दौरा आधे में ही छोड़कर चली गई थी, फिर बीसीसीआई को श्रीलंकाई टीम को खेलने के लिए बुलाना पड़ा था।
सहवाग ने शोएब से कैसे जीती शर्त
फाइनल मैच के दौरान वीरेंद्र सहवाग और शोएब अख्तर के बीच एक शर्त लगी थी। सहवाग का कहना था कि वेस्टइंडीज मैच जीतेगी, जबकि शोएब अख्तर इंग्लैंड के पक्ष में थे। आखिरी ओवर में जब वेस्टइंडीज को जीतने के लिए 19 रन की जरूरत थी, तब शोएब बहुत खुश हो गए थे और उन्हें लग रहा था कि इंग्लैंड मैच जीतने जा रहा है और वह शर्त। लेकिन अंतिम ओवर तक भी सहवाग का कहना था कि वेस्टइंडीज मैच जीतगा। फिर क्या हुआ, आखिरी ओवर की पहली चार बॉल में कार्लोस ब्राथवेट ने लगातार चार छक्के लगाकर वेस्टइंडीज को मैच जीता दिया और सहवाग शर्त भी जीत गए।
कप्तान डैरेन सैमी और ब्रावो ने की बोर्ड की खुलकर आलोचना
शायद डैरेन सैमी इस फाइनल मैच में जीत का इंतज़ार कर रहे थे। सेमीफाइनल में जीत के बाद सैमी ने बोर्ड की आलोचना ज़रूर की थी, लेकिन फाइनल जीतने के बाद उन्होंने खुलकर बोर्ड की आलोचना की है। सैमी के साथ-साथ और कई खिलाड़ियों ने भी बोर्ड की आलोचना की, जिनमें ड्वेन ब्रावो भी शामिल हैं।
मैच खत्म हो जाने के बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की आलोचना करते हुए सैमी ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड की तरफ से खिलाड़ियों को कोई ज्यादा मदद नहीं मिली। सेमीफाइनल मैच जीतने के बावजूद भी बोर्ड ने खिलाड़ियों की तारीफ नहीं की। सैमी ने क्रिकेट बोर्ड के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि उसकी वजह से वेस्टइंडीज क्रिकेट का नुकसान हो रहा है। सैमी कहना था कि अगर वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप जीता है तो सिर्फ खिलाड़ियों की एकजुट और कोचिंग स्टाफ की मदद से जीता है।
सिर्फ सैमी ही नहीं ड्वेन ब्रावो ने भी वेस्टइंडीज बोर्ड की आलोचना की। ब्रावो का कहना था कि बोर्ड की तरफ से खिलाड़ियों को जीतनी मदद मिलनी थी वह नहीं मिली। ब्रावो ने तो यहां तक कहा कि वेस्टइंडीज बोर्ड से ज्यादा मदद तो बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की है।
खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच क्या है मसला
वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड के बीच आर्थिक अनुबंध को लेकर पिछले कुछ सालों से विवाद चल रहा है। इस अनुबंध के चलते बीते कुछ सालों में बोर्ड ने खिलाड़ियों के वेतन में भी काफी कटौती की है, जिसकी वजह से खिलाड़ी खुश नहीं हैं। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले यह मसला इतना गंभीर हो गया था कि खिलाड़ी इस सीरीज़ में भाग लेना ही नहीं चाहते थे। सैमी ने खुद बोर्ड को खत लिखकर नाराज़गी जताई थी। यह पहली बार नहीं है, जब बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच झगड़ा हुआ हो। इस मसले के वजह से 2014 में वेस्टइंडीज टीम भारतीय दौरा आधे में ही छोड़कर चली गई थी, फिर बीसीसीआई को श्रीलंकाई टीम को खेलने के लिए बुलाना पड़ा था।
सहवाग ने शोएब से कैसे जीती शर्त
फाइनल मैच के दौरान वीरेंद्र सहवाग और शोएब अख्तर के बीच एक शर्त लगी थी। सहवाग का कहना था कि वेस्टइंडीज मैच जीतेगी, जबकि शोएब अख्तर इंग्लैंड के पक्ष में थे। आखिरी ओवर में जब वेस्टइंडीज को जीतने के लिए 19 रन की जरूरत थी, तब शोएब बहुत खुश हो गए थे और उन्हें लग रहा था कि इंग्लैंड मैच जीतने जा रहा है और वह शर्त। लेकिन अंतिम ओवर तक भी सहवाग का कहना था कि वेस्टइंडीज मैच जीतगा। फिर क्या हुआ, आखिरी ओवर की पहली चार बॉल में कार्लोस ब्राथवेट ने लगातार चार छक्के लगाकर वेस्टइंडीज को मैच जीता दिया और सहवाग शर्त भी जीत गए।
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