पिछले कुछ वर्षों में बात बात में राजद्रोह की धारा लगा कर मुकदमे हुए और लोग जेल गए. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि इस कानून का इस्तमाल अंग्रेज़ी ने आज़ादी के आंदोलन को दबाने के लिए किया. क्या आज इस कानून की ज़रूरत है? मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अफसरों की भी कोई जवाबदेही नहीं है. यह वो बिन्दु है जो सबसे ज़रूरी है. जिस तरह से फर्जी आरोप लगाकर UAPA और राजद्रोह के मामले लगा जा रहे हैं ज़रूरी है कि अफसरों की जवाबदेही तय की जाए. कुछ ही दिन पहले जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति को दबाने के लिए UAPA का इस्तमाल हो रहा है.