Uniform Civil Code Speech
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
अमित शाह का दावा- 30 साल तक केंद्र में शासन करेगी बीजेपी, UCC पर दी यह जरूरी जानकारी
- Saturday March 29, 2025
- Reported by: भाषा
अमित शाह ने कहा है कि समान नागरिक संहिता बीजेपी के गठन के बाद से ही उसका प्रमुख एजेंडा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित सभी राज्यों में यूसीसी को एक-एक कर लागू किया जाएगा. उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज में आरएसएस के हस्तक्षेप से इनकार किया.
-
ndtv.in
-
VHP कार्यक्रम में विवादित बयान मामला :SC कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर यादव से 45 मिनट तक किए सवाल-जवाब, लगाई फटकार
- Wednesday December 18, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: मेघा शर्मा
कॉलेजियम में CJI के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और ए जस्टिस एस ओक भी शामिल थे.
-
ndtv.in
-
काश! हम शाहबानो मामले में आरिफ मोहम्मद खान को सुन पाते!
- Friday October 28, 2016
- डॉ विजय अग्रवाल
आरिफ मोहम्मद खान ने अपना यह भाषण एम.बनातवाला द्वारा प्रस्तुत एक गैर-सरकारी विधेयक के विरोध में 23 अगस्त 1985 को लोकसभा में दिया था. यह घटना, जिसे एक ऐतिहासिक घटना के रूप में लिया जाना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के ठीक तीन महीने बाद घटी थी.
-
ndtv.in
-
अमित शाह का दावा- 30 साल तक केंद्र में शासन करेगी बीजेपी, UCC पर दी यह जरूरी जानकारी
- Saturday March 29, 2025
- Reported by: भाषा
अमित शाह ने कहा है कि समान नागरिक संहिता बीजेपी के गठन के बाद से ही उसका प्रमुख एजेंडा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित सभी राज्यों में यूसीसी को एक-एक कर लागू किया जाएगा. उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज में आरएसएस के हस्तक्षेप से इनकार किया.
-
ndtv.in
-
VHP कार्यक्रम में विवादित बयान मामला :SC कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर यादव से 45 मिनट तक किए सवाल-जवाब, लगाई फटकार
- Wednesday December 18, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: मेघा शर्मा
कॉलेजियम में CJI के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और ए जस्टिस एस ओक भी शामिल थे.
-
ndtv.in
-
काश! हम शाहबानो मामले में आरिफ मोहम्मद खान को सुन पाते!
- Friday October 28, 2016
- डॉ विजय अग्रवाल
आरिफ मोहम्मद खान ने अपना यह भाषण एम.बनातवाला द्वारा प्रस्तुत एक गैर-सरकारी विधेयक के विरोध में 23 अगस्त 1985 को लोकसभा में दिया था. यह घटना, जिसे एक ऐतिहासिक घटना के रूप में लिया जाना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के ठीक तीन महीने बाद घटी थी.
-
ndtv.in