Syria Civil War Explained
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200 किलो सोना, लग्जरी कारों का कलेक्शन और अनगिनत डॉलर... सीरिया वाले असद का अकूत खजाना तो देखिए
- Tuesday December 10, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
दावा किया जा रहा है कि बशर अल असद के पास जितना खजाना है, वह सीरिया के सालाना बजट से भी कहीं ज्यादा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो यह भी दावें किए जा रहे हैं कि जब सीरिया की जनता भूख से मर रही थी, तब वहां का राष्ट्रपति असद अपना खजाना भर रहा था. सीरिया से जाते वक्त असद अपने साथ कितना पैसा और सोना लेकर गए हैं, इसका कोई ऑफिशियल डेटा अब तक नहीं आया है.
- ndtv.in
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इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा
- Monday December 9, 2024
- Edited by: राजेश कुमार आर्य
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) के लड़ाकों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया. इसी के साथ राष्ट्रपति बशर अल असद की 24 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया. क्या इस बार रूस और ईरान से सीरिया की तरफ से आंखें मूद लीं. अगर हां तो दोनों ने ऐसा क्यों किया.
- ndtv.in
-
Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?
- Sunday December 8, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.
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दावा किया जा रहा है कि बशर अल असद के पास जितना खजाना है, वह सीरिया के सालाना बजट से भी कहीं ज्यादा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो यह भी दावें किए जा रहे हैं कि जब सीरिया की जनता भूख से मर रही थी, तब वहां का राष्ट्रपति असद अपना खजाना भर रहा था. सीरिया से जाते वक्त असद अपने साथ कितना पैसा और सोना लेकर गए हैं, इसका कोई ऑफिशियल डेटा अब तक नहीं आया है.
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मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.
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